मुरादाबाद : एमडीए की नई पहल, आर्किटेक्ट्स की रैंकिंग से बढ़ेगी पारदर्शिता

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Published By Bhawna
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नक़्शा स्वीकृति प्रक्रिया होगी और तेज, देरी के असली कारणों का खुलेगा राज, अब जनता खुद चुनेगी बेहतरीन आर्किटेक्ट, मनमानी और लापरवाही पर लगेगी लगाम

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण, 

मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने निर्माण क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। अब महानगर के आर्किटेक्ट्स को उनके कामकाज और प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग दी जाएगी। इस नई प्रणाली से आम जनता को अपने मकान, दुकान और व्यावसायिक भवनों के नक्शे बनवाने के लिए योग्य और कुशल आर्किटेक्ट चुनने में आसानी होगी। साथ ही नक्शा स्वीकृति में देरी के सही कारणों का पता चलेगा कि यह देरी आर्किटेक्ट की लापरवाही से हो रही है या फिर प्राधिकरण की ओर से कोई विलंब है।

शनिवार को मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि काफी समय से देखा है कि कुछ आर्किटेक्ट्स बिना आवश्यक सुधार किए बार-बार वहीं नक्शा जमा कर देते हैं। फिर नक्शा स्वीकृति में देरी का दोष ऑनलाइन पोर्टल या प्राधिकरण अधिकारियों पर मढ़ दिया जाता है। इसके अलावा कुछ आर्किटेक्ट्स अपने अनुभवहीन सहायकों पर पूरा काम छोड़ देते हैं, जिससे नक्शों की गुणवत्ता प्रभावित होती है और स्वीकृति में अनावश्यक देरी होती है। उन्होंने कहा कि अब इस रैंकिंग प्रणाली से इन सभी मामलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। जिसमें आर्किटेक्ट्स के प्रदर्शन का मूल्यांकन पिछले तीन वर्षों के ऑनलाइन नक्शा अनुमोदन डेटा के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की यह नई पहल मुरादाबाद के शहरी विकास को गति देने और जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने में एक अहम भूमिका निभाएगी।

पहली रैंकिंग 28 फरवरी को होगी जारी
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने बताया कि प्राधिकरण की की टीम ने इस रैंकिंग प्रणाली को लागू करने के लिए आवश्यक डेटा का विश्लेषण शुरू कर दिया है। पहली सूची आगामी 28 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद रैंकिंग को नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा ताकि जनता को सही और पारदर्शी जानकारी मिलती रहे। उन्होंने कहा कि महानगर के नागरिकों को पारदर्शी और सुचारू नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया मिले यह हमारी प्राथमिकता है। इस रैंकिंग प्रणाली से न केवल आम जनता को योग्य आर्किटेक्ट चुनने में सुविधा होगी, बल्कि उन आर्किटेक्ट्स को भी पहचान मिलेगी जो वास्तव में गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं।

जनता को मिलेगा यह लाभ

  • जनता को नक्शा बनवाने के लिए सर्वश्रेष्ठ आर्किटेक्ट चुनने का मौका मिलेगा।
  • अधूरी और त्रुटिपूर्ण नक्शों की बार-बार पुनः प्रस्तुति की प्रवृत्ति रुकेगी।
  • नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया में अनावश्यक देरी कम होगी।
  • आर्किटेक्ट्स और प्राधिकरण के बीच पेशेवर कार्यशैली को बढ़ावा मिलेगा।
  • अधिकारियों और आर्किटेक्ट्स के बीच किसी भी प्रकार की मिलीभगत पर अंकुश लगेगा।

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