कानपुर में पिटाई और धमकी से सहमे छात्र ने दी जान: परिजन बोले- बच्चों के झगड़े में मां ने जड़े थप्पड़, रो-रोकर बेहाल

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। बच्चों के विवाद में बड़ों ने दखल दिया। बीच बचाव कर रहे सातवीं के छात्र की ही पिटाई कर दी। उलाहना देने पर उसे और पीटने की धमकी दी। जिसकी दहशत में छात्र ने अपनी जान दे दी। बेटे खोने के बाद भी परिजन ज्यादा विरोध नहीं जता सके। परिजनों का आरोप है, कि धमकाने वाले दबंग प्रवृत्ति के हैं। वहीं पुलिस का कहना है, कि परिजनों की ओर से तहरीर मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। घटना में सबसे छोटे पुत्र की मौत के कारण चीखपुकार मच गई। 

मूलरूप से हमीरपुर के सिमनौड़ी निवासी अनुरुद्ध कुमार कारोबारी हैं। परिवार में पत्नी चुन्नी देवी, बड़ा बेटा निर्भय राज, मंझिला ऋषभ राज और सबसे छोटा 12 वर्षीय धनंजय राज था। अनुरुद्ध के भाई अरुण कुमार ने बताया कि पिछले ढाई वर्ष से निर्भय, ऋषभ और धनंजय मां के साथ कानपुर के हनुमंत विहार थानाक्षेत्र के खाड़ेपुर में बुआ सुनीता के घर रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि धनंजय कक्षा 7 में पारीतोष इंटर नेशनल स्कूल में पढ़ रहा है। वहीं अन्य दोनों भाई इंटर के छात्र हैं। बताया कि बुधवार शाम करीब पांच बजे वह घर के बाहर बैठा था।

इस दौरान क्षेत्र में रहने वाले बच्चे आपस में किसी बात पर लड़ रहे थे। इस पर धनंजय खड़ा हुआ और विवाद शांत कराने लगा। इस दौरान एक बच्चे की मां वहां पहुंची और बिना जाने धनंजय को उल्टा तीन से चार थप्पड़ जड़ दिए। इसके बाद महिला विवाद कर रहे अपने बच्चे को वहां से घर ले गई। कुछ देर बाद धनंजय ने अपनी मां चुन्नी को महिला के द्वारा वेबजह पीटने की बात कही। इस पर धनंजय की मां चुन्नी और बुआ संगीता महिला के घर उलाहना देने पहुंची।

परिजनों ने गंभीर आरोप लगाया कि वहां बच्चे के नाना ने उन दोनों से अभद्रता की और बेटे धनंजय को उससे भी ज्यादा पीटने की धमकी दी और वहां से भगा दिया। इसके बाद दोनों घर लौट आए। यहां आपस में घटना की चर्चा करते हुए धनंजय ने सुन लिया। इससे वह और दहशत में आ गया और स्कूल जाने से साफ मना कर दिया। दिनभर गुमसुम रहा और घर से बाहर भी नहीं गया।

इसके बाद सभी लोग गुरुवार शाम अपने-अपने काम में व्यस्त हो गए। इसी दौरान काफी देर तक जब धनंजय किसी को नहीं दिखा तो मां चुन्नी और भाई निर्भय और ऋषभ आवाज देने लगा। फिर सभी लोगों ने उसकी घर में तलाश शुरू की। इस पर वह लोग जब घर के तीसरे खंड पहुंचे तो वहां का दरवाजा अंदर से बंद था। इस पर उन् लोगों को कुछ आशंका हुई। परिजनों ने बताया कि इसके बाद वह लोग लोहे के जिंगले में चढ़े और फांदकर दूसरे की छत से अपने यहां पहुंचे। जहां का दृश्य देखकर उन लोगों के होश उड़ गए।

धनंजय का शव ताइक्वांडो बे्ल्ट से दरवाजे के चौखट से लटक रहा था। इस पर चीखपुकार मच गई। परिजनों ने आनन-फानन उसे फांसी के फंदे से उतारा और सर्वोदय नगर के एक निजी अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर ने चेकअप कर मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची काकादेव पुलिस ने हनुमंत विहार को घटना की सूचना दी और पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को शव सौंप दिया। हनुमंत विहार थाना प्रभारी उदयप्रताप के अनुसार परिजनों की तहरीर पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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