शाहजहांपुर : मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर ने स्टाफ नर्स से की छेड़छाड़
शाहजहांपुर, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कालेज में जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर ने रात के समय वार्ड में अकेली ड्यूटी कर रही स्टाफ नर्स के साथ छेड़छाड़ करते हुए हमला करने की कोशिश की। नर्स के विरोध को देखते हुए डॉक्टर ने गाली-गलौज करते हुए जान से मार डालने की धमकी दी। अन्य स्टाफ आ जाने पर आरोपी डाक्टर मौका पाकर भाग गया।
आरोप है कि डाक्टर शराब के नशे में था और उसकी डियूटी मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में थी। इसके बाद भी वह नर्स के वार्ड में पहुंच गया। पुलिस ने आरोपी डाक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने चिकित्सकों की कमेटी गठित कर मामले की आंतरिक जांच शुरू करा दी है। ताकि सच्चाई सामने आ सके। मेरठ की रहने वाली युवती मेडिकल कालेज में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत है। वह अस्पताल कालोनी में रहती है। 25 फरवरी की रात में डेढ़ बजे उसकी डियूटी मेडिकल कालेज के एक वार्ड में थी। वह ड्यूटी पर अकेली थी। आरोप है कि रात में करीब पौने दो बजे ट्रामा सेंटर में तैनात एक जूनियर रेजीडेंट डाक्टर उसके वार्ड में आ गया। डाक्टर शराब के नशे में था। डाक्टर ने स्टाफ नर्स के साथ अभद्रता करते हुए बदतमीजी व छेड़छाड़ शुरू कर दी। विरोध करने पर आरोपी डाक्टर स्टाफ नर्स के साथ गाली-गलौज करने लगा। डाक्टर ने उसके साथ हाथापाई की। स्टाफ नर्स ने शोर मचाया तो वार्ड में मरीज के तीमारदार और उसके सहकर्मी काउंटर पर आ गए। इसके बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। लोगों ने डाक्टर को पकड़ने का प्रयास किया तो मेडिकल कालेज से ही भाग गया। पीड़िता स्टाफ नर्स ने रात ही में मेडिकल कालेज के प्राचार्य और अस्पताल चौकी को सूचना दी। चौकी के सिपाही, डाक्टर व अन्य स्टाफ वार्ड में गए। पुलिस ने स्टाफ नर्स से पूछताछ की। पीड़िता ने बताया कि वार्ड में ड्यूटी करने में असुरक्षित महसूस कर रही हूं। पीड़िता ने चौक कोतवाली में तहरीर दी। प्रभारी निरीक्षक राजीव तोमर ने बताया कि स्टाफ नर्स की तरफ की तहरीर पर आरोपी डाक्टर नीरज के खिलाफ छेड़छाड, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
दो सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. राजेश कुमार ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने रात में एक मरीज को ट्रामा सेंटर से वार्ड में रेफर किया था। डाक्टर वार्ड में पूछने के लिए गए थे। मरीज को क्यों नहीं भर्ती किया था। इस बात को लेकर डाक्टर व स्टाफ नर्स में कहासुनी हो गयी थी। उन्होंने दो डाक्टर की कमेटी जांच के लिए गठित की है, जिसमें डाक्टर सरोज और डाक्टर ललित है।
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