Kannauj: जर्जर भवन से गिरा मलबा, उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ने मंदिर के बाहर की सुनवाई...अधिकारियों को बताने के बाद भी नहीं हो सका समाधान
41 साल पुराना है कमरा, उसी में होती मामलों की सुनवाई और पीछे बना अध्यक्ष का कक्ष
उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ने मंदिर के बाहर शुरू की सुनवाई
कन्नौज, अमृत विचार। तहसील कन्नौज सदर परिसर में 41 साल पुराना कमरा है, उसी में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के तहत वादों की सुनवाई होती है। कई सालों से भवन जर्जर है और आए दिन मलबा उखड़कर गिरता है। मंगलवार को भी कई बार मलबा उखड़कर गिरा। यह देखकर अध्यक्ष व दो सदस्यों समेत आठ कर्मचारी और कुछ अधिवक्ता बाहर भागे। बाद में शिवजी व हनुमानजी मंदिर के बाहर बैठकर सुनवाई की।
मंगलवार दोपहर में उपभोक्ता आयोग के कमरे की छत व दीवारों से भारी मात्रा में मलबा भरभराकर गिरा। अनहोनी की आशंका से आयोग के अध्यक्ष जगन्नाथ मिश्र, सदस्य वंदना मिश्रा व लोकेश पुंडीर कक्ष के बाहर बैठ गए। वहां भी मलबा गिरा। उसके बाद वह तहसील परिसर में स्थित मंदिर के बाहर पहुंचे और कर्मचारियों को भी वहीं बुला लिया। पीठ ने वहीं पर बैठकर कार्यालय के काम निपटाए।
साथ ही फाइलें देखकर उसमें अगली तारीखें लगाईं। अध्यक्ष ने बताया कि सुनवाई कक्ष जर्जर है ऐसे में उपभोक्ता आयोग में विचाराधीन वादों का निपटारा नहीं हो सकता है उसमें महज अगली डेट ही लगाई जाएंगी। सदस्य वंदना मिश्रा ने बताया कि तीन मार्च को अध्यक्ष ने डीएम शुभ्रान्त शुक्ल से मुलाकात की थी, उस दौरान भवन की समस्या बताई गई। उसके बाद एसडीएम सदर स्मृति मिश्रा ने उपभोक्ता आयोग कार्यालय का निरीक्षण भी किया था।
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दूसरों को न्याय देने वाले अधिकारी खुद जूझ रहे
चर्चा है कि उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष व सदस्य उपभोक्ता व सेवा से जुड़े मामलों में फैसले देते हैं। वादों के जरिए न्याय देने वाले अधिकारी खुद की जरूरत पूरी करने में असफल हो रहे हैं। उनके बैठने की सुरक्षित जगह नहीं है। कई बार पत्र लिखे गए लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।
21 वादों में लगी तारीखें, 354 मामले विचाराधीन
सदस्य वंदना मिश्रा का कहना है कि जान-माल का खतरा है, मंगलवार को 21 मामलों की सुनवाई लगी थी, सभी में तारीख दे दी गईं हैं। कुल 354 मामले विचाराधीन है। आयोग के अध्यक्ष, दो सदस्य, स्टेनो, कंप्यूटर ऑपरेटर, अर्दली, सफाईकर्मी व चौकीदार कुल आठ कार्यरत हैं। अध्यक्ष का तर्क है कि खुद व लोगों की सुरक्षा को देख वह बाहर बैठेंगे।
अधिवक्ता की भी सुनें
अधिवक्ता यादवेंद्र किशोर यादव ने बताया कि उपभोक्ता आयोग में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही वादकारियों व वकीलों की भी जान खतरे में है। जब तक नया भवन नहीं मिलेगा तब तक अधिवक्ता वादों में पैरवी नहीं करेंगे। अधिकारियों का उदासीन रवैया है। इसका शासन भी संज्ञान ले।
