संभल : फर्जी बीमा पॉलिसी कर रकम हड़पने में गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
पुलिस ने बरामद किए आईडी, तीन मोबाइल और बीमा पॉलिसी संबंधित प्रपत्र
संभल, अमृत विचार। संभल जिले की रजपुरा थाना पुलिस ने फर्जी बीमा पॉलिसी करने वाले अंतर्जनपदीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए मोबाइल, बीमा पॉलिसी से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में इंवेस्टीगेशन कंपनी का इंवेस्टीगेटर और उसका सगा बहनोई है। यह दोनों फर्जी बीमा पॉलिसी करके रकम हड़प लेते थे।
एएसपी दक्षिणी अनुकृति शर्मा ने बताया कि सीओ गुन्नौर दीपक कुमार के नेतृत्व में रजपुरा थाना प्रभारी निरीक्षक हरीश कुमार और टीम ने फर्जी बीमा पॉलिसी करने वाले अंतर्जनपदीय गिरोह के सदस्य मोहम्मद दानिश निवासी बहेड़ी ब्रह्मनान थाना भोजपुर मुरादाबाद, नबीजान निवासी भैसिया थाना कटघर मुरादाबाद गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से आईडी ईस्ट इंडिया इंवेस्टीगेशन कंपनी, तीन मोबाइल मृतक मुकेश की बीमा पॉलिसी से संबंधित प्रपत्र बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों का केंद्र मुरादाबाद और बरेली है। मोहम्मद दानिश ईस्ट इंडिया इंवेस्टीगेशन कंपनी में इंवेस्टीगेटर है और नबीजान भी उसके साथ काम करता है, जो मोहम्मद दानिश का सगा बहनोई है। यह दोनों अन्य सदस्य ओंकारेश्वर मिश्रा करन व अमित जिन्हें पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, के साथ व गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर अपराध करते हैं। गिरोह से जुड़े लोग गरीब लोगों को माध्यम बनाकर फर्जी बीमा पॉलिसी करके बीमा कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, पीएनबी मेट लाइफ, बजाज एलाइंस, एसबीआई जीवन बीमा आदि को आर्थिक हानि पहुंचाते हैं और बीमा की सारी रकम हड़प लेते हैं।
इस तरह हड़पे बीमा क्लेम के 9.90 लाख रुपये
मोहम्मद दानिश ने बताया कि रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव शाहपुर के मृतक मुकेश का केस गिरोह के सदस्य द्वारा ही धोखाधड़ी करके कराया गया। मुकेश को किडनी की बीमारी थी और बचने की संभावना कम थी। मृतक का नॉमिनी का पता धोखाधड़ी करके कासना नोएडा का बदल दिया और मुकेश का बीमा एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में पॉलिसी बरेली में ले जाकर कराई। जिसके बाद मुकेश की पत्नी सर्वेश कुमारी जो पॉलिसी में नॉमिनी थी उसका यस बैंक सूरजपुर नोएडा में खाता खुलवाया। जिसकी जानकारी नॉमिनी को नहीं हो पाई थी। 2 अक्टूबर 2024 को मुकेश की मौत हो गई तो क्लेम के रुपये लेने के लिए कंपनी को आवेदन किया। कंपनी ने केस की इंवेस्टीगेशन ईस्ट इंडिया इंवेस्टीगेशन कंपनी से कराई जो ओंकोश्वर के माध्यम से मोहम्मद दानिश को मिली थी। आवेदन में मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया। मुकेश के केस की फर्जी इंवेस्टीगेशन करके ओंकारेश्वर को भेज दी।
पॉलिसी धारक से बिना मिले होता है सत्यापन
पकड़े गए मोहम्मद दानिश ने बताया कि उन्हें सत्यापन के लिए ईस्ट इंडिया इंवेस्टीगेशन कंपनी के पॉलिसी केस ओंकारेश्वर मिश्रा करन के माध्यम से मिलते हैं। पॉलिसी धारक से बिना मिले ही सत्यापन कर दिया जाता है। जिसमें दलाल सहायता करते हैं। पॉलिसी खुलवाते समय दलाल इस बात का ध्यान रखते हैं कि पॉलिसी धारक का पता सटीक न हो, जिससे अगर कोई भी व्यक्ति सत्यापन करने आये तो वह सीधा पॉलिसी धारक के घर पर न पहुंच पायें। नॉमिनी को भी फर्जी तरह से बनाई बीमा पॉलिसी का लाभ मिलता है। वह बिना विरोध के हमें प्रीमियम और क्लेम पास कराने के खर्चे सहित हमारा हिस्सा देते हैं। कानूनी कार्रवाई के डर से शिकायत नहीं करते।
