संपादकीय: व्यापार युद्ध का असर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको के खिलाफ 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा करके व्यापार युद्ध की शुरूआत कर दी है। इससे पूरी दुनिया में हलचल मची है। यह भारत के लिए भी चेतावनी है। अमेरिकी संसद में ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगले महीने से भारत के ऊपर अमेरिका का पारस्परिक टैरिफ सिस्टम शुरू हो जाएगा यानी अमेरिका सामानों पर भारत जितना ही टैरिफ लगाएगा। व्यापार युद्ध की शुरूआत होने से साफ है कि जो कंपनियां टैरिफ से बचना चाह रही हैं वे अमेरिका आकर अपने सामान का निर्माण करें। चीन से लेकर कनाडा तक ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन भारत शांत बना हुआ है।
अमेरिका में चीन के दूतावास ने अमेरिका की ओर से विश्व के कई देशों पर आयात टैरिफ बढ़ाने के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहें वह टैरिफ युद्ध हो या कोई अन्य प्रकार का युद्ध, वह अंत तक लड़ने के लिए तैयार है। गौरतलब है राष्ट्रपति ट्रंप ने फरवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भी कहा था कि उनका प्रशासन शीघ्र ही भारत और चीन जैसे देशों पर जवाबी शुल्क लगाएगा। ट्रंप ने कहा कि भारत हमसे 100 प्रतिशत से अधिक ऑटो शुल्क वसूलता है।
भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा लगभग 100 अरब अमेरिकी डॉलर है। भारत और अमेरिका इस बारे में बातचीत शुरू करेंगे। हम कनाडा और मेक्सिको को सैकड़ों अरबों डॉलर की सब्सिडी देते हैं। अमेरिका अब ऐसा नहीं करेगा। अब जब डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के ज्यादातर देशों के साथ व्यापार युद्ध शुरू कर दिया है, ऐसे में सवाल है कि इसका असर भारत पर कितना होगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस समय वाशिंगटन में हैं।
उम्मीद है भारत पर पड़ने वाले असर को लेकर पीयूष गोयल अमेरिकी अधिकारियों से बात करेंगे और अमेरिका से और स्पष्ट होने की मांग करेंगे। इसके अलावा वे भारत पर पड़ने वाले संभावित असर को कम करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी चर्चा कर सकते हैं। कुल मिलाकर ट्रंप के सामने चीन, रूस, कनाडा और मैक्सिको जैसे देश हैं, लिहाजा भारत पर सीधा असर पड़ने की संभावना कम है। इससे भारत का नुकसान भी कम होगा। बड़ी समस्या यह है कि अनिश्चितता के कारण दुनिया की जीडीपी धीमी हो रही है।