इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश : हाईकोर्ट में न्यायिक रिक्तियों के मामले की सुनवाई से मुख्य न्यायाधीश हुए अलग

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Published By Vinay Shukla
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Amrit Vichar, Prayagraj : इलाहाबाद हाईकोर्ट में 81 न्यायिक रिक्तियों को समय पर और शीघ्रता से भरने की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई हुई। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली ने याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। अब मामले की सुनवाई किसी दूसरी उचित पीठ के समक्ष होगी। मौजूदा याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश त्रिवेदी द्वारा अधिवक्ता शाश्वत आनंद, सैयद अहमद फैजान और सौमित्र आनंद के माध्यम से दाखिल की गई है।

याचिका में बताया गया है कि उच्च न्यायालय "कार्यात्मक पक्षाघात की स्थिति" में है, क्योंकि यह अपनी स्वीकृत न्यायिक क्षमता के 50% से भी कम पर काम कर रहा है, जिसके कारण 11 लाख से अधिक मामले लंबित चल रहे हैं। याचिका में आगे बताया गया है कि अगर न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 160 पूरी हो जाती है तो भी प्रत्येक न्यायाधीश के पास लगभग 7,220 मामले लंबित होंगे।

याचिका में यह भी बताया गया है कि रिक्तियों के कारण लंबित मामलों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे न केवल वादियों पर बल्कि न्यायाधीशों पर भी असहनीय बोझ पड़ रहा है। मालूम हो कि पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी न्यायाधीशों की घटती संख्या के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहने का आवाहन किया था।

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