कानपुर में साइबर अपराधियों के जाल में फंसा स्वास्थ्य कर्मी का पुत्र...दी जान; एक युवती से हो रही थी चैट, 28 हजार से ज्यादा रुपये भी दिये

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। काकादेव थानाक्षेत्र में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मी का पुत्र साइबर ठगी का शिकार हो गया। बीटेक द्वितीय वर्ष छात्र ने 28 हजार रुपये अलग-अलग समय यूपीआई के माध्यम से बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए। साइबर ठगों की ओर से और रुपयों की मांग पर जब उसने बड़े भाई से मदद मांगी तो उन्होंने फेक चैट बता रुपये देने से मना कर दिया। 

जिसके बाद उसने घर की तीसरी मंजिल पर पहुंचकर दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी। काफी देर तक वह नीचे नहीं आया तो पिता ऊपर देखने गए। जहां का दृश्य देखकर उनकी चीख निकल गई। घटना के बाद छोटे पुत्र की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। 

पिता और भाई के अनुसार वह एक नोएडा की युवती से पिछले दो माह से चैट कर रहा था। उसने उसे वर्क फ्रॉम होम का लालच देकर फंसाया इसके बाद रुपये ऐंठती रही। इस दौरान उसकी कई अन्य लोगों से भी रुपये के संबंध में बात होती रही। परिजनों ने साइबर ठगों के चक्कर में जान चले जाने का आरोप लगाया है।

काकादेव के विजय नगर 40 ब्लॉक के सामने रहने वाले मलेरिया विभाग में तैनात खलासी संतोष सागर का 19 वर्षीय पुत्र तनय सागर उर्फ अंगद रूमा स्थित एक्सिस कॉलेज में बीटेक सेकेंड ईयर बॉयोटेक से कर रहा था। पिता के अनुसार वह काकादेव में स्थित ग्लोबस कोचिंग से एसएससी की भी तैयारी कर रहा था। पार्ट टाइम पर वह बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाता था। 

पिता के अनुसार परिवार में पत्नी रानी देवी और बड़ा बेटा आर्यन सागर कल्याणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वार्ड ब्यॉय है। वहीं उनके पिता देवीदीन सीएमओ दफ्तर में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि हर चीज संपन्न होने के बाद उनका होनहार पुत्र तनय कैसे साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस गया ये समझ से परे हैं। बताया कि तीन महीने पहले उसने पढ़ाई को लेकर एक लैपटॉप खरीदा था। अभी एक महीने से बेटे के पास नोएडा से (टेकप्रोयिक) नाम की एक कंपनी से मान्या नाम की युवती की कॉल आ रही थी। 

जिसने बेटे को वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर फंसा लिया। इसके बाद उसने पहले पांच हजार, फिर दो हजार, सोलह हजार इसके बाद पांच हजार रुपये यूपी आई के माध्यम से ट्रांसफर करा लिए। 28 हजार रुपये ट्रांसफर कराने के बाद वह पांच हजार फिर मांग कर रही थी। जिस पर उसने बड़े भाई आर्यन से रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहे। इस पर मैसेज देखते ही आर्यन ने बिल्कुल मामला बिल्कुल फेक बताकर रुपये देने से मना कर दिया। 

पिता और भाई के अनुसार रुपये ट्रांसफर न होने पर उसके पास युवती समेत अलग-अलग लोगों की रुपये भेजने के लिए कॉल आने लगी। इस दबाव में वह गुरुवार रात घर की तीसरी मंजिल पर पहुंचा। इसके बाद उसने दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी। पिता के अनुसार घटना के दौरान बेटे की मां नीचे काम में व्यस्त थीं। वह जब शाम को द्फ्तर से घर पहुंचे तो तनय के बारे में जानकारी की। इस पर पत्नी ने बताया कि वह आज टयूशन भी नहीं गया। काफी आवाजें दी, लेकिन वह नहीं बोला। 

इसके बाद मोबाइल मिलाया तो वह स्विच ऑफ बताने लगा। इस पर वह उसे देखते-देखते छत पर पहुंच गया। जहां उसका शव फांसी पर लटका हुआ था। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। आसपड़ोस के लोगों की भीड़ लग गई। इस दौरान सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक ने जांच शुरू की। 

काकादेव इंस्पेक्टर मनोज सिंह भदौरिया के अनुसार युवक ने फांसी लगाकर जान दी है। परिजनों ने साइबर ठगों में फंसने का आरोप लगाया है। जांच की जा रही है। फिलहाल एक टीम को तुरंत नोएडा के लिए रवाना कर दिया गया है। किसी भी हाल में आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।

साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय

- अपने कंप्यूटर में एंटी-वायरस और एंटी-स्पाइवेयर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें और नियमित रूप से अपडेट करें।
- अपने सभी डिवाइसों पर एंटी-वायरस और मैलवेयर सुरक्षा सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें।
- अपने सभी अकाउंट के लिए अलग-अलग और मज़बूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- अपने सोशल नेटवर्किंग प्रोफ़ाइल को निजी पर सेट करें।
- सार्वजनिक वाई-फ़ाई का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। 
- अगर आपको सार्वजनिक वाई-फ़ाई का इस्तेमाल करना पड़े, तो किसी भी निजी जानकारी को दर्ज न करें। 
- जब तक आप किसी वेबसाइट के URL के बारे में निश्चित न हों, उसे सीधे टाइप करने के बजाय किसी सर्च इंजन या आधिकारिक मार्केटिंग सामग्री के ज़रिए एक्सेस करें।
- अपने डिवाइस का ऑपरेटिंग सिस्टम और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर हमेशा अपडेट रखें। 
- अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल सेटिंग बदलें ताकि सिर्फ़ करीबी परिचित ही आपकी संवेदनशील जानकारी देख सकें।

शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर में तुरंत कॉल करें

1930 नंबर, साइबर अपराधों की शिकायत के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर है। इस नंबर पर कॉल करके, साइबर अपराध की शिकायत दर्ज की जा सकती है। 

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