चीनी घुसपैठ और जासूसी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत : ताइवान के राष्ट्रपति Lai Ching-te

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Published By Bhawna
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ताइपे (ताइवान)। ताइवान के राष्ट्रपति विलियम लाई चिंग-ते ने गुरुवार को कहा कि चीनी घुसपैठ, जासूसी और द्वीप की रक्षा को कमजोर करने के अन्य प्रयासों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। लाई ने चीन से जुड़ी हाल की कई घटनाओं का हवाला दिया जो खुले सशस्त्र संघर्ष से इतर मनोवैज्ञानिक युद्ध के दायरे में आती हैं। 

लाई ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ गोपनीय जानकारी प्राप्त करने, सशस्त्र बलों के सदस्यों को लुभाने और राष्ट्रीय सुरक्षा में हमारे विश्वास को खत्म करने के लिए जनमत को प्रभावित करने के बीजिंग के प्रयासों को रोकने के वास्ते यह आवश्यक है कि हम ऐसी घटनाओं को रोकने और उनका पता लगाने के लिए अपने कानूनी सुरक्षा उपायों को बढ़ाएं।’’ लाई की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी द्वीप की बीजिंग से वास्तविक स्वतंत्रता की पक्षधर है।

आठ साल पहले लाई की पूर्ववर्ती साई इंग-वेन के चुने जाने के बाद से चीन ने डीपीपी के साथ लगभग सभी आधिकारिक संपर्क समाप्त कर दिए हैं। चीन नियमित रूप से द्वीप के निकट हवाई क्षेत्र और जलक्षेत्र में जहाज और विमान भेजता रहता है, ताकि वह वहां के दो करोड़ 30 लाख लोगों को भयभीत कर सके और सशस्त्र बलों के मनोबल को कमजोर कर सके। 

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