Bareilly: जानिए जिले में क्यों लगाना पड़ा साठा धान की रोपाई पर प्रतिबंध ?

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Published By Pradeep Kumar
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बरेली, अमृत विचार। भूगर्भ जल स्तर में गिरावट और पेयजल संकट को कम करने के लिए प्रशासन ने सोमवार को जिले में साठा धान की खेती करने पर प्रतिबंध लगाया। डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि साठा धान रोपने से चौथे और पांचवें दिन सिंचाई करने पर जल दोहन अधिक होता है। फसल को भरपूर पानी देने के उद्देश्य से डीजल वाले पंप सेट का उपयोग वायु प्रदूषण फैलाता है। उन्होंने कृषि विभाग और राजस्व विभाग की टीम गठित कर साठा धान की रोपाई सख्ती से रोकने का निर्देश जारी किया है।

डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि साठा धान फसलों में कीट और रोगों के प्रभाव को कम करने के लिहाज से भी पर्यावरण के प्रतिकूल है। उन्होंने साठा धान के स्थान पर तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी और ग्रीष्मकालीन संकर मक्का, सब्जियां, उर्द-मूंग समेत अन्य दलहनी फसलें को बेहतर विकल्प बताया। उन्होंने क्षेत्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर व्यापक प्रचार प्रसार कराने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार, उप कृषि निदेशक, एसडीएम नवाबगंज, सदर, फरीदपुर, बहेड़ी, मीरगंज और आंवला, सीडीओ, एडीएम प्रशासन को निर्देशित किया है। साठा धान की खेती बहेड़ी, नवाबगंज तहसील क्षेत्र में ज्यादा होती है। दोनों तहसीलें ऊधमसिंह नगर और पीलीभीत से लगी हैं।

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