Bareilly: जस्टिस वर्मा के घर मिले नोट...जानिए क्या कहता है बरेली का अधिवक्ता वर्ग !

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Published By Monis Khan
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विधि संवाददाता, बरेली। जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित घर से नकदी मिलने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर के मुद्दे पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद हड़ताल पर चली गई है। मंगलवार को कचहरी में अधिवक्ताओं के बीच भी यह मुद्दा चर्चा का विषय बना रहा। अमृत विचार ने कई अधिवक्ताओं से इस ज्वलंत विषय पर बात की तो अधिवक्ताओं ने अपनी बात बेबाकी से रखी और कई सवाल भी उठाए।

बरेली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार हरित ने बताया कि इस प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले चुका है। जांच अभी प्रचलित है। ऐसे में कोई टिप्पणी किया जाना उचित नहीं है। बार एसोसिएशन इलाहाबाद की हड़ताल पर कुछ नहीं कहना है।

वरिष्ठ अधिवक्ता शशीकान्त शर्मा ने बताया किअगर धुंआ है तो कहीं न कहीं आग जरूर है। इस बार दिल्ली में नोटों की जलती हुई होली देखी। कार्यपालिका ही नहीं, व्यवस्थापिका व नौकरशाही का गठजोड़ भारत को दीमक की तरह खोखला कर रहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव सिंह के मुताबिक राठौर मुख्य न्यायमूर्ति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित तीन न्यायमूर्तियों की कमेटी की रिपोर्ट के बाद संसद में न्यायमूर्ति के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिसे संसद के दोनों सदनों से पास होना होगा, राष्ट्रपति के उस पर हस्ताक्षर होंगे, इस प्रकार संबंधित न्यायमूर्ति को अपदस्थ किया जा सकता है। यहां मेरा मानना है कि न्यायपालिका और संसद को इस मामले में यदि त्रुटि मिलती है तो कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, जो भविष्य के लिए एक मिसाल बने।

वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम अमजद सलीम कोर्ट जस्टिस वर्मा ने रील बनाने के लिए नकली नोटों का इंतजाम किया था वो ही जले हैं। बार एसोसिएशन, हाईकोर्ट की हड़ताल से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार निगम न्यायमूर्ति वर्मा के कृत्य से आम जनता का न्याय से विश्वास खत्म हो रहा हैं, जब न्याय करने वाला ही भ्रष्ट होगा तो आम जनता को कभी न्याय नहीं मिलेगा। पैसे का बोलबाला न्याय का मुंह काला वाली बात सार्थक हो रही है।

बरेली बार एसोसिएशन सचिव वीपी ध्यानी निचली अदालतों में एक ही लाइन के मुकदमे लगातार छूट रहे हैं, औरों में सजा हो रही है। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट को निचली अदालतों के जजमेंट की मॉनीटरिंग करनी चाहिए। इस तरह न्यायपालिका का स्तम्भ ध्वस्त हो जायेगा। कई राजनेता ऐसा चाहते हैं, हम बार एसोसिएशन इलाहाबाद के सहयोग के लिए तैयार हैं।

 

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