Kanpur: केडीए ने लॉन्च किया प्रापर्टी मैनेजमेंट साॅफ्टवेयर, आवंटी घर बैठे पता कर सकेंगे जमा व बकाया धनराशि की जानकारी

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। कानपुर विकास प्राधिकरण ने बुधवार को प्राधिकरण द्वारा आवंटित संपत्तियों के आवंटियों को समस्त सुविधायें घर बैठे दिये जाने के लिये एक नया ‘‘प्रापर्टी मैनेजमेंट साॅफ्टवेयर’’ लांच कर दिया। यह साॅफ्टवेयर कई महीनों से तैयार किया जा रहा था। 

केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह ने सभागार में बैठक कर इसका प्रेजेंटेशन देखा। उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर की मदद से अब आवंटी संपत्ति के कार्य जैसे जमा की गयी धनराशि, बकाया धनराशि आदि की जानकारी घर बैठे ले सकेगा।  अभी लोगों को केडीए में भौतिक रूप से आकर प्रार्थना पत्र देना पड़ता था। जिस पर कार्रवाई के लिए प्राधिकरण अधिकारियों को कर्मचारियों को काफी समय लगता था।

सॉफ्टवेयर का एक्सेस होगा ऑनलाइन

मदन सिंह ने बताया कि इस साॅफ्टवेयर का एक्सेस ऑनलाइन रहेगा, प्राधिकरण का आवंटी इस साफ्टवेयर पर अपनी लाॅग-इन आईडी/मोबाइल नंबर के माध्यम से लाॅग-इन कर अपनी संपत्ति के लिए लगभग सभी जानकारी यथा आवंटन पत्र की डुप्लीकेट प्रति, जमा की गई, धनराशि, बकाया धनराशि आदि खुद देख सकेगा। 

जिसके आधार पर आवंटी बकाया धनराशि ऑनलाइन अथवा चालान जनरेट कर एचडीएफसी बैंक में जमा कर सकेगा। धनराशि जमा करते ही साॅफ्टवेयर पर यह धनराशि भी रियल टाइम में अपडेट हो जायेगी। इससे दूसरी ओर प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अत्यधिक सुविधा मिलेगी।

आवंटी के जिन तीन कार्यों में प्राधिकरण के तीन विभाग (विक्रय विभाग, कंप्यूटर विभाग, लेखा विभाग) होते थे। अब वह खुद से ही चलेंगे। केडीए अधिकारियों के अनुसार प्राधिकरण को किसी भी योजना-संपत्ति के विरूद्ध बकाया धनराशि की रियल टाइम जानकारी रहने पर प्राधिकरण की आय में भी निसंदेह वृद्धि होगी। इस दौरान अभय कुमार पांडेय, सचिव सुशील कुमार, वित्त नियंत्रक अजय कुमार, ओएसडी रवि प्रताप सिंह, ओएसडी सत शुक्ला, ओएसडी मीनाक्षी गुप्ता, ओएसडी अमनदीप तिवारी, सहायक अभियन्ता व प्राधिकरण का स्टॉफ मौजूद रहा। 

आवंटी को इस तरह से मिलेंगे लाभ

1. आवंटी घर बैठे प्रापर्टी से संबंधित जानकारी, जमा की गयी धनराशि, बकाया धनराशि, ब्याज देख सकेंगे।
2. आवंटियों को बकाया किश्तें जमा किये जाने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस जाएंगे।
3. केडीए और आवंटी दोनों को सम्पत्ति के बावत त्रुटिरहित वित्तीय ट्रैकिंग उपलब्ध होगी।
4. प्राधिकरण को डिफाल्टर आवंटियों के बारे में रियल टाइम जानकारी मिलती रहेगी।
5. साफ्टवेयर में सभी जानकारी फीड होने के कारण रिक्त प्रापर्टी की जानकारी भी उपलब्ध रहेगी।
6. कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम होने के कारण गलती की संभावना नहीं हाेगी।
7. प्राधिकरण के कई विभागों व कई कर्मचारियों का कार्य साॅफ्टवेयर के माध्यम से संचालित होने के कारण इन विभागों व कर्मचारियों के समय का सदुपयोग अन्य कार्यो में किया जा सकेगा।
8. प्राधिकरण की आय में काफी वृद्धि संभावित है। 

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