Bareilly: फर्नीचर पर आईएसआई मार्का से लकड़ी के खेल पर लगेगा अंकुश
आम, नीम की लकड़ी लगाकर सागौन और शीशम बताकर नहीं बेच सकेंगे कारोबारी

अनुपम सिंह, बरेली। फर्नीचर में लकड़ी के खेल पर अंकुश लगाने की तैयारी है। केंद्र सरकार की ओर से फर्नीचर पर आईएसआई का चिन्ह जरूरी कर दिया गया है। इसके बाद कारोबारी उच्च क्वालिटी का ही फर्नीचर बेच सकेंगे। गड़बड़ियां करने पर पकड़े जाएंगे और कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। सरकार के इस फैसले का फर्नीचर कारोबारियों ने स्वागत किया है।
बरेली में फर्नीचर का बड़ा कारोबार होता है। सिकलापुर, बारादरी, सिविल लाइंस, कुमार टाकीज, पीलीभीत बाईपास, पुराना शहर आदि स्थानों पर फर्नीचर का बड़ा काम है। अनुमानित तौर पर प्रतिवर्ष तीन से चार सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है। ब्रांडेड छोड़ दें तो फर्नीचर में किसी तरह की कोई मुहर नहीं लगती है, जिससे यह प्रमाणित नहीं हो पाता है कि फर्नीचर की गुणवत्ता क्या है या काराेबारी जो बता रहा है वही लकड़ी लगाई गई है। कारोबारी की बात पर भरोसा कर ग्राहक फर्नीचर की खरीदारी करते हैं। इसी भरोसे की आड़ में अक्सर आम, नीम या अन्य लकड़ी से तैयार फर्नीचर को सागौन, शीशम, शाखू बताकर महंगे दामों में बेचते हैं। इस खेल पर अंकुश लगने की तैयारी है। 13 फरवरी को केंद्र सरकार की ओर एक गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ है, जिसके तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से परामर्श के बाद फर्नीचर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के बाद भारतीय मानक ब्यूरो के लाइसेंस के तहत आईएसआई का मानक चिह्न लगाना होगा, जो फर्नीचर की गुणवत्ता को प्रमाणित करेगा।
अगले साल लागू होगा आईएसआई का नियम
बताया गया है कि अधिसूचना प्रकाशन की तारीख से 12 महीने बाद यानी फरवरी 2026 में नियम लागू होगा। हालांकि, सूक्ष्म और लघु उद्यम के कारोबारियों के लिए थोड़ी राहत दी गई है। उन पर यह नियम गजट प्रकाशित होने के 18 माह बाद लागू होगा। फर्नीचर बनाने वालों को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से लाइसेंस लेना पड़ेगा।
चेन्नई तक है रॉकिंग चेयर की सप्लाई
जिले से फर्नीचर का निर्यात यूपी के शहरों के अलावा चेन्नई, बंग्लुरू, महाराष्ट्र, पुणे, मुंबई, दिल्ली, पश्चिम बंगाल से लेकर नेपाल और दक्षिण भारत में भी किया जाता है। बरेली में एक रॉकिंग चेयर निर्मित होती है, जिसकी सप्लाई चेन्नई तक है।
लंबे समय से की जा रही थी मांग
फर्नीचर कारोबारी नीरव अग्रवाल ने बताया कि लंबे समय से मांग की जा रही थी। सरकार का आदेश स्वागत योग्य है। बरेली में फर्नीचर कुटीर उद्योग की तरह है। साल में चार सौ करोड़ तक कारोबार जाता है। देश से लेकर विदेश तक यहां के फर्नीचर की मांग है। आईएसआई प्रमाणित फर्नीचर की बिक्री से बाजार और अच्छा जाएगा। गड़बड़ी की संभावनाएं नहीं रह जाएंगी।
फर्नीचर बेचने में रहेगी आसानी
फर्नीचर कारोबारी -राशिद अली के मुताबिक अभी तक सिर्फ प्लाई और सनमाइका पर ही आईएसआई का चिह्न लगता है। बाकी फर्नीचर के भी आईएसआई प्रमाणित होने से कारोबारियों को आसानी रहेगी। ग्राहक भी गुणवत्ता को लेकर संशय नहीं करेगा। अभी फर्नीचर की गुणवत्ता का भरोसा दिलाना पड़ता है, फिर भी कई बार लोग नहीं मानते हैं। जिले भर में छोटी-बड़ी करीब एक हजार दुकानें हैं।
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