Bareilly: हाउस टैक्स...कुर्की से बचने को अब आई माल-जेवर बेचने की नौबत
मेयर समेत अन्य अफसरों को पत्र लिखकर लगा रहे कुछ छूट देने की गुहार
बरेली, अमृत विचार। जीआईएस सर्वे के बाद अचानक हाउस टैक्स के लाखों के बिल आने से बड़ी संख्या में लोगों की कमर तोड़ दी है। वे मकान मालिक ज्यादा परेशान हैं जिनके आय का कोई साधन नहीं और छोटे से घर में किसी तरह परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। नगर निगम की सख्ती और कुर्की नोटिस से ये लोग इतना डर गए हैं कि जीवन यापन के लिए रखी जमा-पूंजी से टैक्स जमा करने में लगे हैं। कुछ भवन स्वामी जेवर बेचकर और कर्ज लेकर निगम का बकाया चुकता कर रहे हैं। एक भवन स्वामी ने नगर आयुक्त को प्रार्थना पत्र भी दिया है, पर नियमों के दांव पेच में लोगों के दर्द कम नहीं हो रहे हैं। वे अफसरों के यहां चक्कर लगा रहे हैं।
भूड़ निवासी प्यारे ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। करीब 110 गज के मकान में पूरा परिवार रहता है। उनके घर का टैक्स दो लाख रुपये आया है। अब वह परेशान हैं। उन्होंने अधिकारियों से गुहार लगाई कि पत्नी का कुछ दिन पहले लोगों के सहयोग से आपरेशन कराया। खुद ठीक से दिखाई नहीं देता है और इलाज की जरूरत है। अगर इलाज नहीं हुआ तो ऑटो रिक्शा भी चलाना बंद हो जाएगा। इतना भारी टैक्स जाम करने को कहां से रुपये लाएं। कोई इतनी मोटी रकम का कर्ज भी नहीं देगा। हजियापुर निवासी नासिर के एक कमरे के घर का टैक्स 40 हजार रुपये आया है। उन्होंने मेयर को बताया है कि वह बीमार हैं, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। घर का सामान बेचकर 20 हजार रुपये एकत्र किए हैं, लेकिन विभाग पूरा बकाया जमा करने पर जोर दे रहा है। अब कुछ बेचने के लिए भी नहीं बचा है।
सिद्धार्थ नगर निगम निवासी मोहन राम रेलवे से रिटायर्ड हैं। एक लाख रुपये का टैक्स भेज दिया। अधिकारियों से गुहार लगाई कि 88 साल का हूं और पेंशन को जीवन यापन के लिए रखा है। अचानक इतनी रकम जमा करने से आर्थिक हालत खराब हो जाएगी। संजय नगर निवासी संदीप ने बताया कि सात साल पहले भवन बना है। पर 25 साल का टैक्स जोड़कर 1.52 लाख बनाया। अब नोटिस भेज दी गई है। चिंता सता रही है कि इतनी मोटी रकम कैसे जमा करेंगे। अगर सुधार नहीं हुआ तो कर्ज लेना पड़ेगा।
पुराना शहर निवासी एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक थी। इस समय आय का साधन न होने के कारण जेवर बंधक रख कर हाउस टैक्स का 75 हजार रुपये जमा करना पड़ा है। पीड़ा किसी को बताऊं तो बेइज्जती होगी। आज तक कभी बिल ही नहीं मिला था। इसी तरह कई भवन स्वामी हैं, जिनका अचानक लाखों में बिल आ गया और उनके पास रुपये नहीं है। अब उनके भवनों पर सीलिंग और कुर्की की कार्रवाई हो रही है।
बकायेदारों के पांच भवन पर सीलिंग कार्रवाई
हाउस टैक्स विभाग ने बुधवार को देर शाम तक अभियान चलाकर वसूली और सीलिंग की कार्रवाई की है। टीम ने अलग अगल जोन के बड़े बकायेदारों के पांच भवनों को सील किया है। जबकि दो भवन स्वामियों ने टीम के पहुंचने पर बकाया जमा कर दिया। इसके कारण कुछ देर बाद सीलिंग हटा दी गई। देर शाम तक चली कार्रवाई में मोहल्ला अकब कोतवाली स्थित सजीदा बेग, मो. नजम शमसी पर 1.12 रुपये बकाया थे। मजुरुल हसन पर 1.67 लाख, सराय खां के राकेश सेठी पर 2.48 लाख, नरकुलागंज के आनंद कुमार, राजकुमार पर 4.92 लाख और आलमगिरीगंज निवासी मुनीश कुमार पर 8.93 लाख से अधिक का बकाया था। इनमें से सजीदा बेगम ने 20 हजार, मजुरुल हसन ने 30 हजार रुपये जमा किए। बाकी तीनों भवनों पर सीलिंग की कार्रवाई की गई है।
चार दिन में 50 करोड़ रुपये चाहिए, तब होगा लक्ष्य पूरा
हाउस टैक्स विभाग को शासन से निर्धारित लक्ष्य पूरा करने के लिए 50 करोड़ चाहिए। जो संभव नहीं दिख रहा है, क्योंकि एक अप्रैल 2024 से 26 मार्च तक केवल 62 करोड़ रुपये के करीब जमा हो पाया है। जबकि शासन ने 125 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा है। विभाग के लोगों की बातों पर गौर किया जाए तो सबसे अधिक दिक्कत जीआईएस सर्वे की वजह से हुई है। क्योंकि अप्रैल, मई, जून में टैक्स जमा नहीं हो पाया है। इस वजह से परेशानी हो रही है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि पिछले साल से अधिक रकम जमा हुई है। लक्ष्य अधिक निर्धारित है। कई लोग कभी बिल जमा नहीं करते थे। इसके कारण उनको परेशानी आ रही है। करीब 15 हजार लोगों के बिल में सुधार किए हैं।
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