बाराबंकी: रोजेदार मुस्लिमों ने अदा की अलविदा जुमा की नमाज, सजदे में झुके लाखों अकीदतमंदों के सिर

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Published By Vishal Singh
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बाराबंकी, अमृत विचार। मगफिरत और रहमत के मुबारक रमजान के आखिरी जुमे की नमाज शुक्रवार को जिले भर की मस्जिदों में अदा की गई। मुस्लिमों ने बारगाह-ए-इलाही में सिर झुकाते हुए मुल्क में अमन-चैन कायम रहने की दुआ मांगी। नमाजियों की सुरक्षा के लिए मस्जिदों के बाहर पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पीएसी एवं पुलिस बल के साथ गश्त करते हुए मुस्तैद रहे। शुक्रवार को शहर में सबसे बड़ी नमाज बेगमगंज स्थित जामा मस्जिद में हुई। नमाज के बाद इमाम मौलाना अबूज़र ने देश की एकता, अखंडता व सलामती की दुआ की। साथ ही ईद का पर्व शांति व भाईचारे से मनाने की अपील की। 

उन्होंने कहा कि एक-दूसरे की मदद और सभी धर्मों का सम्मान करना ही रमजान का असली मकसद है। बेगमगंज स्थित शाही मस्जिद, सिविल लाइन स्थित तैयबा मस्जिद, सिटी पुलिस चौकी के पास स्थित मस्जिद, कचेहरी स्थित मस्जिद, रेलवे स्टेशन पर स्थित मस्जिद, पीर बटावन मस्जिद, लाइनपुरवा मस्जिद, कुलवल्ला मस्जिद रसूलपुर और बंकी क्षेत्र स्थित मस्जिद समेत नगर क्षेत्र की सभी मस्जिदों में भी जुमा अलविदा की नमाज अदा की गई। इसके अलावा शहर और ग्रामीण अंचल की अन्य मस्जिदों में भी अकीदतमंदों ने अलविदा की नमाज अदा की। मुस्लिम इलाकों में सुबह से अलविदा की तैयारी शुरू हो गई थी। शहर के मुस्लिम इलाकों में पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था बेहतर तरीके से रही। हर चौराहे पर पुलिसकर्मी तैनात रहे। डीएम और एसपी लगातार हालातों का जायजा लेते रहे। साथ ही सभी क्षेत्रों में पुलिस फोर्स भी लगातार गश्त करती रही।

चला विशेष साफ-सफाई अभियान
नगर पालिका परिषद नवाबगंज प्रशासन ने अलविदा की नमाज को देखते हुए मस्जिदों के आसपास विशेष साफ-सफाई अभियान चलाया। जिसमें चूने का छिड़काव से लेकर कूड़े के ढेर हटवाए गए। ईओ संजय शुक्ला ने बताया कि सफाई निरीक्षकों को साफ-सफाई बेहतर कराए जाने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। सारे कार्य समय रहते सकुशल संपन्न करा लिए गए थे। नगरपालिका की ओर से टैंकर पानी की व्यवस्था की गई थी।

ग्रामीण अंचल में हुई नमाज
अलविदा की नमाज जिले के ग्रामीण अंचलों की मस्जिदों में भी शांतिपूर्ण ढंग से अता कराई गई। मसौली, रामनगर, सिद्धौर, कोठी, हैदरगढ़, रामसनेहीघाट, फतेहपुर, कुर्सी, जैदपुर और दरियाबाद समेत जिले की अन्य मस्जिदों में मौलाना ने रोजेदारों को खिताब करते हुए रमजान की महत्ता बताई। साथ ही नमाज के बाद दुआ कराई। इस दौरान वहां की मस्जिदों के आसपास भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

बाजार में जबरदस्त भीड़
शुक्रवार को शहर के बाजार में भी जबरदस्त भीड़ रही। सट्टी बाजार होने के नाते सड़क पर पैर रखने की भी जगह नहीं थी। पुराने निबलेट तिराहे पर दो पहिया और चार पहिया वाहनों के जाने पर प्रतिबंध था। लोग बाजार व मस्जिद में नमाज अता करने पैदल ही पहुंचे। इस दौरान बाजार में किमामी सिवंईं, शाही सिवंई की खरीददारी खूब हुई। इसके अलावा घंटाघर, धनोखर, दर्पण टाकीज की तरफ कपड़ों की दुकानों पर जमकर भीड़ दिखी।

नमाज के बाद दान
ईदगाह कमेटी के सदर मो. उमेर किदवई ने बताया कि रमजान में दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना भी इबादत है। नमाज के बाद दान करना अच्छा माना जाता है। इसलिये नमाज के बाद घर लौटे रोजेदार गरीबों को कपड़े आदि देते हैं। यह क्रम पूरे जिले में जारी रहता है। क्योंकि रमजान के इस पाक महीने में जब आपको भूख-प्यास का अहसास होगा, तभी आपको दूसरों की भूख के अहसास होने का पता चलेगा। तभी आप आगे बढ़कर ऐसे मजलूमों की मदद कर सकेंगे।

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