लखनऊ: सीबीआई अफसर बनकर डराया, 6 दिन महिला को रखा डिजिटल अरेस्ट, 10 लाख की ठगी
लखनऊ, अमृत विचार। सीबीआई अधिकारी बनकर साइबर जालसाज ने इंदिरानगर की अलका मिश्रा को मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाकर डराया। 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 10 लाख रुपये ऐंठ लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर साइबर थाना बृजेश कुमार यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
हुसैनगंज के लालकुआं स्थित छीतवापुर निवासी 69 वर्षीय अलका मिश्रा ने बताया कि 15 मार्च की दोपहर 87873.... और 89820.... से व्हाट्सएप कॉल आई। फोनकर्ता ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। कहा कि आपके नाम से भोपाल बैंक ऑफ बड़ौदा में एक खाता खोला गया है, जिसमें लगातार अनधिकृत ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। इस पर अलका ने कहा कि उनका न ही बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता है और न ही वह कभी भोपाल गई हैं। इसके बाद जालसाज ने जांच की बात कहकर तीनों खातों और आधार की डिटेल पूछी। फिर बोला कि आपके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज है, जिसके चलते आपको गिरफ्तार करना होगा।
यह सुनकर अलका डर गईं। उन्होंने कहा कि कभी कोई गलत काम नहीं किया है। इस पर जालसाज ने वीडियो कॉल कर बात की। उन्हें डराया-धमकाया। कहा कि परेशानी से निकलने का सिर्फ एक रास्ता है। आपके खाते में जमा रकम की जांच होगी। अगर कुछ गलत नहीं मिला तो आपको क्लीन चिट मिल जाएगी और खाते में रुपये वापस आ जाएंगे। हालांकि, इस दौरान आप अपने परिवार को न कुछ बताएंगी और न ही उनसे संपर्क करेंगी। गोपनीय जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
जालसाज ने उन्हें डरा-धमकाकर 20 मार्च तक डिजिटल अरेस्ट कर 3 खातों में उनसे 10 लाख रुपये ट्रांसफर कराए। अलका ने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप और वीडियो कॉल कर जालसाज लगातार रुपये वापसी की तारीख बताते रहे। उसके बाद संपर्क न होने पर पीड़िता को एहसास हुआ कि उनके साथ डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड हुआ है। उन्होंने साइबर क्राइम थाने में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
