शाहजहांपुर: प्रेम विवाह से नाराज ससुर ने की दामाद की हत्या, आजीवन कारावास
शाहजहांपुर, अमृत विचार: प्रेम विवाह की रंजिश में दामाद की हत्या किए जाने के मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ससुर को आजीवन कारावास की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है।
थाना रोजा के गांव सल्लिया निवासी कुलदीप त्रिपाठी ने जनवरी 2003 को सदर थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 25 जनवरी 2003 को वह थाना सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला चमकनी करबला स्थित किराये के मकान में अपने भाई सुनील त्रिपाठी के घर पर रुका था।
भाई का दोस्त सुरजीत भी घर पर मौजूद था। रात करीब नौ बजे भाई का ससुर रिक्खीराम भाई के किराये के मकान में घर आए और दावत की बात कह कर चलने को कहा। वह और उसका भाई रिक्खीराम राम के बुलावे पर उसके घर की तरफ चल दिए जबकि सुरजीत पास में ही अनिल के घर सोने चला गया।
जब वह दोनों रिक्खीराम के चमकनी करबला स्थित घर पहुंचे तो वहां रिक्खीराम और उसका लड़का प्रमोद, लड़के की पत्नी शशी मौजूद थी। शशी ने खाना परोसा, तभी रिक्खीराम की पत्नी मैना देवी ने कहा कि कुलदीप तुम मेरी लड़की रेनू को भी बुला लाओ, जब वह घर पर रेनू को लेने पहुंचा तो रेनू ने रात अधिक होने के कारण जाने से इंकार कर दिया। इस पर जब वह वापस रिक्खीराम के घर पहुंचा तो उसने बल्ब की रोशनी में देखा कि रिक्खीराम, अपनी पत्नी व बेटे और पुत्रवधू शशी के साथ मिलकर भाई को कांता, तलवार, ईट आदि से मार रहे थे।
जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना के उपरांत आरोप पत्र न्यायालय भेजा गया। कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह के तर्कों को सुनने व पत्रावली को अवलोकन कर न्यायाधीश ने अभियुक्त रिक्खीराम को आजीवन कारावास की सजा और 5500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि रिक्खीराम की बेटी के साथ सुनील ने प्रेम विवाह किया था, इसी रंजिश में घटना को अंजाम दिया गया। रिक्खीराम मूल रूप से थाना रोजा के गांव सल्लिया का रहने वाला है।
ये भी पढ़ें- शाहजहांपुर: अपह्त ऋतिक की तलाश में गोताखोरों ने रामगंगा नदी में किया तलाश
