Health tips: मर्द को दर्द नहीं होता...गलतफहमी को करें दूर, छोटे-मोटे दर्द को नजरअंदाज करना हो सकता घातक

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
On

कानपुर, अमृत विचार। शरीर में हो रहे छोटे-मोटे दर्द को हम कई बार नजरअंदाज कर देते हैं। मर्द को दर्द नहीं होता जैसे अंदाज में दर्द को हल्के में लेते हैं। अधिकतर महिलाएं तो दर्द के साथ जीती रहती हैं और किसी को बताती तक नहीं। दवा का असर रहने के बाद फिर से दर्द होना या कुछ-कुछ दिन छोड़कर दर्द होते रहना शरीर के लिए नुकसानदायक है। जिसकी गिरफ्त में आकर शरीर को कई प्रकार की जटिलताओं का सामना करना पड़ जाता है। कई बार यह पोषक तत्वों की कमी के साथ किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी होता है। 

प्रतिवर्ष सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस बार की थीम स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य है। भागदौड़ व तनाव भरी जिंदगी के कारण अधिकांश लोग शरीर में प्रतिदिन होने वाले दर्द व अन्य समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं। बिगड़ी जीवनशैली व गलत खानपान से भी शरीर कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो रहा है। रोजाना होने वाला सिर दर्द, एसिडिटी, हाथ, पैर व पेट का दर्द आदि ब्रेन ट्यूमर, रूमेटाइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, पेट में छाले, कैंसर, मल्टिपल सिरोसिस व गॉलब्लैडर की बीमारी का संकेत हो सकते हैं। एसे में बिना लापरवाही करे तत्काल इलाज करना चाहिए।

सिर दर्द को हल्के में न लें

न्यूरो सर्जन डॉ.राघवेंद्र गुप्ता ने बताया कि अक्सर सिर दर्द की वजह माइग्रेन, नींद की कमी, आंखों पर दबाव और तनाव का खराब मैनेजमेंट हो सकता है। इसे दवाओं के माध्यम से कंट्रोल किया जा सकता है। महिलाओं को मेनोपॉज और आयरन की गंभीर कमी के कारण हाथ और पैरों का ठंडा होने के साथ ही सिर दर्द भी होता है। यह ब्रेन ट्यूमर का संकेत भी हो सकता है। बिना देरी किए इलाज शुरू करना चाहिए। 

पेट में दर्द से गंभीर रोग

वरिष्ठ गैस्ट्रोसर्जन डॉ.आरके जौहरी ने बताया कि पेट दर्द के पीछे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर, यूरीनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन या रीप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ी दिक्कत शामिल हो सकती है। अपच व छाले की वजह से भी पेट में दर्द हो सकता है। लगातार एसिडिटी बने रहने से पेट में कैंसर भी हो सकता है। नींद का चक्र गड़बड़ाने से पेट निकलने और मोशन सही से न होने की भी समस्या हो सकती है।  

आर्थराइटिस से जोड़ों में दर्द 

आर्थो सर्जन डॉ. फहीम अंसारी ने बताया कि जोड़ों में अक्सर दर्द कैल्शियम की कमी से होता है। आर्थराइटिस का कारण भी हो सकता है। पीठ या कमर दर्द रीढ़ की हड्डी या किडनी से जुड़ी समस्या का भी संकेत हो सकता है। विटामिन-डी की कमी से शरीर के कई हिस्सों में दर्द और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। --

पीठ या कमर दर्द 

आर्थो सर्जन डॉ.मानव लूथरा के मुताबिक चार घंटे से ज्यादा वक्त तक एक ही जगह पर बैठे रहने से पीठ में सुन्नता या झुनझुनाहट के साथ दर्द हो सकता है। घंटों तक एक ही जगह पर बैठ कर काम करने से कंधों में भी अकड़न हो सकती है। डाइट पोषण से भरपूर नहीं है और शारीरिक गतिविधि की भी कमी है तो आर्थराइटिस का खतरा बढ़ सकता है।

सीने में दर्द को नजरअंदाज न करें

चेस्ट फिजिशियन डॉ.संजय वर्मा ने बताया कि सीने में दर्द को नजरअंदाज बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और अपने आप इलाज भी शुरू नहीं करना चाहिए। यह दिल के दौरे या फिर पल्मनरी एम्बॉलिज्म का भी संकेत हो सकता है, इसकी वजह एसिड रीफल्क्स या फेफड़ों में खून के थक्के का होना भी हो सकता है। ऐसे में लापरवाही घातक हो सकती है। 

फिजियोथेरपी है कारगर 

फिजियोथेरेपिस्ट डॉ.अमित मिश्रा ने बताया कि फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का ही एक हिस्सा है। शरीर दर्द, मांसपेशी, जोड़, हड्डी या नसों में दर्द को आधुनिक मशीनों के साथ एक्सरसाइज से तकलीफ दूर की जाती है। दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी एक मात्र सहारा है। फिजियोथेरेपी से कमजोर मसल्स और नसों को मजबूत होती है। 

यह भी पढ़ें- Kanpur: निजी स्कूलों की खुलेगी कुंडली, RTE के तहत पुराने रिकॉर्ड के अनुसार बनेगी रैंकिंग

 

संबंधित समाचार