अयोध्या: कभी 1500 वर्ग गज पर काबिज रामलला के मंदिर का अब 73 एकड़ परिसर
इंदुभूषण पांडेय/अयोध्या, अमृत विचार। सन् 1949 में रामलला जिस एक ढांचे में प्रकट हुए और मुस्लिम पक्ष जिसे बाबरी मस्जिद कहता था उसका टोटल एरिया 1500 वर्ग गज था। दशकों चली अदालती लड़ाई के बाद जब सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया और मंदिर निर्माण शुरू हुआ तो आज रामलला के मंदिर का परिसर लगभग 73 एकड़ का हो गया है। इस 73 एकड़ के परिसर में कई अन्य पुराने मंदिर भी हैं, जिन्हें ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर विस्तार के लिए खरीदा। राम मंदिर के लिए इस 73 एकड़ परिसर से अलग भी जमीनें ट्रस्ट ने खरीदी है।
सन 1949 में 22-23 दिसम्बर की रात जन्मभूमि पर रामलला की मूर्ति प्रकट हुई। जिस ढांचे में रामलला की मूर्ति प्रकट हुई, वह भूमि उत्तर दक्षिण की दिशा में 140 फिट लंबी और पूरब पश्चिम की दिशा में चौड़ाई 97 फिट बताई गई। इसका पूरा क्षेत्रफल अनुमानित 1500 वर्ग गज के करीब रहा।
राम मंदिर/बाबरी मस्जिद का विवाद और आंदोलन चल ही रहा था कि सात जनवरी 1998 को केंद्र सरकार द्वारा एक अध्यादेश जारी कर जन्मभूमि स्थल तथा उसके चारों ओर की 67 एकड़ भूमि अधिग्रहित कर ली गई। प्रदेश में कल्याण सिंह की भाजपा सरकर आई तो 20 मार्च 1992 को उत्तर प्रदेश सरकार ने 42 एकड़ भूमि श्रीराम जन्मभूमि न्यास को शास्वत पट्टे पर दे दी। इसके साथ ही 2.77 एकड़ भूमि अधिग्रहण करके उसके समतलीकरण की योजना बनाई।
सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के पक्ष में 9 नवम्बर 2019 को फैसला आया तो वहीं से रामलला मंदिर के विस्तार का भी रास्ता साफ हो गया। पूर्व में राम मंदिर के इर्द गिर्द अधिग्रहित 67 एकड़ भूमि तो ट्रस्ट को सरकार से मिली ही, वहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर के आसपास के लगभग सात मंदिर राम मंदिर के विस्तार के लिए खरीद लिए। इनमें फकीरे राम मंदिर, कौशल्या भवन, रंग जी का मंदिर, कैकेयी कोप भवन, राम निवास मंदिर, नया आनंद भवन, दोराही कुंआ में स्थित जानकी मंदिर शामिल है।
इसके अलावा कौशल्या भवन से सटा एक मकान दोराही कुंआ और कजियाना में खरीद कर राम मंदिर परिसर को विस्तार दिया गया है। इस तरह से राम मंदिर का पूरा परिसर आज करीब 73 एकड़ हो गया है। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा बताते हैं कि राम मंदिर के 73 एकड़ परिसर के अलावा भी कुछ जमीनें राम मंदिर व श्रद्धालुओं की सुख सुविधा के लिए क्रय की गईं हैं। इसमें अयोध्या रेलवे स्टेशन के बगल की भी जमीन है।
