जन आरोग्य मेला बना दिखावा : कागजों पर इलाज, स्वास्थ्य केन्द्रों पर पसरा रहा सन्नाटा...दोपहर होते ही गायब हो गए जिम्मेदार
Jan Aarogy mela In Barabanki : हर रविवार को सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लगने वाला मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला ज़मीनी हकीकत से मेल नहीं खा रहा। स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों ने इस जनहितकारी योजना काे मजाक बना कर रख दिया है। रविवार को यह नजारा आम रहा, केन्द्रों पर औपचारिकता के चलते सन्नाटा पसरा रहा वहीं दोपहर बाद डाक्टर कर्मचारी अपने केन्द्रों से गायब हो गए।
आमजन के हित में लगने वाले जन आरोग्य मेला के दौरान रविवार को ज़्यादातर पीएचसी, सीएचसी पर डाक्टर मौजूद नहीं मिले। ऐसे में सन्नाटा पसरा रहा। कई केंद्रों पर दोपहर होते होते डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी घर लौट गए। बावजूद इसके गलत रिपोर्ट भेजकर अधिकारियों द्वारा अपनी पीठ थपथपाई जा रही है। शासन के निर्देशानुसार इस मेले में एलोपैथ, होम्योपैथ और आयुर्वेद के चिकित्सकों को मरीजों की जांच और इलाज करना होता है। साथ ही, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड भी बनाए जाते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि इन सभी कार्यों को केवल कागजों पर दिखाया जा रहा है, जिससे योजना का उद्देश्य और जनता का भरोसा दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।

हैदरगढ़ प्रतिनिधि के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहगंज व बाबा टीकाराम धाम में आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य मेला रविवार को मजाक बनकर रह गया। भाजपा नेता वेद प्रकाश बाजपेई ने रविवार की दोपहर इन दोनों स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री को ऑनलाइन शिकायत भेजकर लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि इन केन्द्रों पर डाक्टर की कुर्सी खाली रहीं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा आरोग्य मेला के नाम पर खानापूर्ति की जा रही थी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही चिंता का विषय है। शीघ्र ही उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मिलकर मामले की शिकायत की जायेगी। वहीं देवा प्रतिनिधि के अनुसार यही हाल विकासखंड की तमाम पीएचसी व स्वास्थ्य केंद्रों पर रहा। केवल फोटो खिंचवाकर कोरम पूरा किया गया। उसके बाद स्वास्थ्यकर्मी वहीं से बैरंग रवाना हो गये।
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