बरेली के छात्रों ने 120 रुपये की बोरियों में पैदा कर दी इतनी मशरूम, किसान करेंगे तो हो जाएंगे मालामाल

बरेली के छात्रों ने 120 रुपये की बोरियों में पैदा कर दी इतनी मशरूम, किसान करेंगे तो हो जाएंगे मालामाल

बरेली, अमृत विचार । महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (MJPRU) का Plant Science विभाग, रुहेलखंड के किसानों को बेहद आसान विधि से मशरूम पैदावार की राह दिखा रहा है। एमएससी फाइनल ईयर के छात्रों ने महज, 120 रुपये की जूट वाली बोरियों में ऑयस्टर मशरूम पैदा करके दिखाई है। वो भी ढाई गुणा ज्यादा उत्पादन दर के साथ। प्लांट साइंस विभाग प्रोफेसर और मशरूम विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार सिन्हाल के मुताबिक, गर्मियों के सीजन में मशरूम की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। 

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आमतौर पर मशरूम का उत्पादन सर्दियों में ज्यादा होता है। गर्मी में मशरूम उगाने के लिए ग्रोथ चैंबर की जरूरत पड़ती है। ग्रोथ चैंबर का तापमान कोई 25 डिग्री सेंटीग्रेड फिक्स रहता है। इसी तापमान में ऑयस्टर मशरूम सरसब्ज होती है। लेकिन ग्रोथ चैंबर की लागत 7 से 10 लाख के बीच आती है। आम किसान के लिए ये संभव नहीं है कि वो इतनी मोटी रकम खर्च करके मशरूम के ग्रोथ चैंबर तैयार करा सके। 

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फिर किसान गर्मियों के दौरान 41-42 डिग्री सेंटीग्रेड में मशरूम कैसे उगाएं? डॉ. विजय कुमार सिन्हाल के निर्देशन में एमएससी प्लांट साइंस के छात्रों ने इस पर काम किया। उन्होंने मशरूम के लिए खुद जूट के बैग तैयार किए। और इनमें मशरूम उगाई। डॉ. सिन्हाल कहते हैं कि इससे कमाल के परिणाम सामने आए। बेहद उच्च क्वालिटी की मशरूम पैदा हुई। उत्पादन दर भी ढाई गुणा अधिक रही है। गर्मियों के सीजन में और ज्यादा आसान तरीके से मशरूम कैसे उगाई जा सकती है-इस पर शोध जारी है। फिलहाल, अब तक के शोध ने किसानों को 7 से 10 लाख रुपये खर्च किए बिना मशरूम उत्पादन का रास्ता दिखा दिया है। 

डॉ. सिन्हाल बताते हैं कि ऑयस्टर मशरूम पर शोध कार्ये चल रहे हैं। कम लागत में ज्यादा मशरूम उत्पादन होगा। किसानों की आमदनी बढ़ेगी। लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक प्लांट साइंस विभाग में कम से कम 500 किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। बरेली और आसपास में कई किसान मशरूम उगा रहे हैं। बरेली, बिलसंडा समेत दूसरी मंडियों में इसे सप्लाई करते हैं। 

प्लांट साइंस विभाग में कर सकते संपर्क
 
-डॉ. विजय कुमार सिन्हाल ने कहा कि जो किसान मशरूम उत्पादन करना चाहते हैं। वे विश्वविद्यालय कैंपस स्थित प्लांट साइंस विभाग आकर जानकारी कर सकते हैं। गर्मी के सीजन में ऑयस्टर मशरूम पैदा करने का ज्यादा लाभ होता है। क्योंकि आमतौर पर इसकी पैदावार कम हो जाती है। डिमांड बनी रहने के कारण जो लोग भी इसे उगाएंगे, उन्हें बाजार में अच्छे दाम मिल जाते हैं।

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