बाराबंकी : सांसद की जमीन को लेकर विवाद, दर्ज हुई रिपोर्ट
बाराबंकी : मसौली थाना क्षेत्र में स्थित राज्यसभा सदस्य की जमीन के सीमांकन के बाद हो रहा निर्माण कार्य क्षतिग्रस्त करने के साथ ही मजदूरों को धमकी दी गई। यही नहीं एक वीडियो वायरल कर सांसद पर उल्टे जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाया गया है। निजी सहायक की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
राज्यसभा सांसद संगीता यादव के निजी सहायक परशुराम गुप्ता की शिकायत पर थाना मसौली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। तहरीर के अनुसार ग्राम नयागांव में सांसद के नाम दर्ज गाटा संख्या 127 और 129 के समीप स्थित सरकारी नाली गाटा संख्या 130 का सीमांकन राजस्व टीम द्वारा 5 अप्रैल को किया गया था। कार्य के दौरान सीमांकन चिन्ह भी लगाए गए थे।
आरोप है कि अगली रात 6 अप्रैल को राजेश कुमार व अन्य ने सीमांकन के खूंटे उखाड़ दिए और निर्माण कार्य करवा रहे मजदूर सद्दाम हुसैन को रात में जाकर गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी दी। मामले की लिखित शिकायत तहरीर के साथ थाने में दी गई। इस घटनाक्रम आरोप यह भी है कि 14 अप्रैल को राजेश कुमार व अन्य ने एक यूट्यूब चैनल के माध्यम से एक वीडियो प्रसारित कराया, जिसमें उल्टे सांसद व उनके लाेगों पर सरकारी नाली व दूसरे की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया। यह भी कहा गया कि सांसद ने अदालत से स्थगनादेश की अवहेलना की है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
टाउन एरिया चेयरमैन पर वादाखिलाफी की रिपोर्ट
पिकप की टक्कर से घायल किशोरी का पक्ष लेते हुए चेयरमैन दरियाबाद नगर पंचायत ने ईलाज का खर्च उठाने का वादा किया, क्योंकि पिकप चालक उनका रिश्तेदार था। इसके बाद वह मुकर गए। किशोरी के पिता ने काफी दौड़भाग की पर पुलिस ने नहीं सुनी। आखिर घटना के चार माह बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है।
थाना दरियाबाद क्षेत्र के न्यामतपुर निवासी गोपाल सिंह ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में गुहार लगाते हुए बताया कि 17 दिसंबर 2024 को उनकी पौत्री जागृति सिंह निजी कार्य से दरियाबाद कस्बा गई थी, तभी मिरकापुर नहर की पुलिया के पास एक अज्ञात पिकअप ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में युवती का बायां हाथ टूटा और सिर पर गंभीर चोटें आईं।
आरोप है कि घटना के बाद दरियाबाद के वर्तमान चेयरमैन प्रतिनिधि सरफराज कुरैशी ने यह कहकर मामला दबा दिया कि आरोपी उनका रिश्तेदार है और इलाज का पूरा खर्च वही उठाएंगे लेकिन कोई आर्थिक सहायता मिली और न ही किसी तरह की मदद दी गई। गोपाल का कहना है कि जब उन्होंने पुनः चेयरमैन से संपर्क किया, तो उसे धमकी दी गई। थाना पुलिस ने सुनी नहीं जिससे निराश होकर 17 जनवरी को एसपी को रजिस्टर्ड डाक और व्यक्तिगत रूप से शिकायत की, लेकिन नतीजा सिफर रहा। विवश होकर गोपाल ने कोर्ट की शरण ली।
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