पहलगाम आतंकी हमले पर महाराष्ट्र के व्यक्ति का दावा, हमले से एक दिन पहले संदिग्ध आतंकवादी ने उससे की थी बात

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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महाराष्ट्र, अमृत विचार। पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर देश में हुस्सा है और हर कोई आतंकीयो से बदले की मांग हो रही है वही हमले के दौरान मौजूद चश्मदीदों द्वारा बनाये गए वीडियो और उनक साथ हुए इस वाकिये के बारे में नए नए खुलासे कर रहे हैं। कश्मीर से लौटे महाराष्ट्र के जालना शहर के एक युवक ने दावा किया है कि पहलगाम आतंकी मामले के एक संदिग्ध हमलावर ने आतंकवादी हमले से एक दिन पहले उससे बात की थी। 

आदर्श राउत ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 21 अप्रैल को बैसरन घाटी में ‘फूड स्टॉल’ पर एक व्यक्ति के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि व्यक्ति ने मुझसे पूछा था, ‘हिंदू हो क्या। तुम कश्मीर से नहीं लगते।’ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास 22 अप्रैल को बैसरन में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले में कई लोग घायल हो गए। 

राउत ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि पर्यटकों के नरसंहार के कुछ दिनों बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्ध हमलावरों के रेखाचित्र जारी किए और उनमें से एक रेखाचित्र उस व्यक्ति से मेल खाता है जिसने ‘फूड स्टॉल’ पर उनसे बात की थी। राउत के अनुसार, वह 21 अप्रैल को पहलगाम में घुड़सवारी करने गए थे और खाने के लिए एक ‘मैगी स्टॉल’ पर रुके थे, तभी एक आदमी उनके पास आया और उनसे पूछा कि क्या वह हिंदू हैं। उसने राउत से यह भी कहा कि वह कश्मीरी जैसे नहीं दिखते।
राउत ने कहा, ‘इसके बाद संदिग्ध अपने साथी की ओर मुड़ा और कहा, ‘आज भीड़ कम है।’ 

जालना निवासी ने कहा कि उन्हें बातचीत थोड़ी परेशान करने वाली लगी, और उन्हें इसका मतलब भी समझ में नहीं आया। इसके अगले दिन आतंकवादियों ने उसी इलाके में 24 से अधिक पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी। उन्होंने दावा किया, ‘NIA (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) द्वारा जारी किए गए रेखाचित्र को देखने के बाद मैं इस बातचीत के तार को जोड़ पाया।’ 

राउत ने कहा कि उन्होंने कश्मीर में अपने अनुभव के बारे में विस्तृत विवरण NIAको ईमेल किया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने वह सब कुछ लिखा है जो मुझे याद है। मैंने यह भी उल्लेख किया है कि मैं नेटवर्क की समस्याओं के कारण शुरू में ‘मैगी स्टॉल’ के मालिक को भुगतान नहीं कर सका था। मैंने उसका फोन नंबर लिया और पहाड़ी से नीचे आने के बाद उसे भुगतान किया।’ राउत ने कहा कि उन्हें NIA से कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘अगर वे मुझसे संपर्क करते हैं तो मैं हर संभव तरीके से उनका सहयोग करूंगा।’

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