मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई: कार्यकाल पूरा होने से 6 माह पहले ही समाप्त की IMF के कार्यकारी निदेशक सुब्रमण्यन की सेवाएं
नई दिल्ली। सरकार ने एक अप्रत्याशित कदम के तहत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में कार्यकारी निदेशक (ईडी) के वी सुब्रमण्यन की सेवाएं उनका तीन साल का कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले समाप्त कर दी हैं। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए वित्तीय सहायता पर विचार करने वाला है।
पिछले महीने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत कूटनीतिक और विभिन्न वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को घेरने का प्रयास कर रहा है। भारत का मानना है कि इस हमले में पाकिस्तान शामिल है। इस आतंकवादी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे। सूत्रों ने शनिवार को बताया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 30 अप्रैल, 2025 से सुब्रमण्यन की सेवाओं को समाप्त कर दिया है।
हालांकि, सुब्रमण्यन को हटाने की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है। सूत्रों ने बताया कि सरकार जल्द ही उनके स्थान पर किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करेगी जिसे आईएमएफ बोर्ड में कार्यकारी निदेशक के रूप में नामित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सुब्रमण्यन ने आईएमएफ के डेटासेट के बारे में सवाल उठाए हैं, जिसे बहुपक्षीय एजेंसी ने अच्छा नहीं माना था।
अतीत में भी, आईएमएफ सुब्रमण्यन द्वारा दिए गए कुछ बयानों से नाखुश रहा है, खासकर भारत की ऋण स्थिति के बारे में। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा उनकी नई किताब इंडिया @100: एनविज़निंग टुमॉरोज़ इकनॉमिक पावरहाउस' के प्रचार और प्रसार को लेकर ‘कथित अनियमितता’ पर चिंता व्यक्त की गई थी। सुब्रमण्यन को एक नवंबर, 2022 से तीन साल की अवधि के लिए आईएमएफ में कार्यकारी निदेशक (भारत) के रूप में नियुक्त किया गया था।
इससे पहले, उन्होंने सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया था। आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड सदस्य देशों या देशों के समूहों द्वारा चुने गए 25 निदेशकों (कार्यकारी निदेशकों या ईडी) से बना है। आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड नौ मई को बैठक करेगा, जिसमें जलवायु ऋण कार्यक्रम के तहत 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर की नई व्यवस्था के लिए पाकिस्तान के साथ कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर चर्चा की जाएगी। साथ ही इस बैठक में मौजूदा सात अरब डॉलर के राहत पैकेज की भी समीक्षा होगी।
कौन हैं डॉ. कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यन?
डॉ. कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) रह चुके हैं। उन्होंने 2018 से 2021 तक सबसे युवा CEA का खिताब भी हासिल किया था। अर्थव्यवस्था की स्थिति और आर्थिक सुधारों पर भारत सरकार को समय-समय पर सलाह देने के अलावा, सुब्रमण्यन हर साल बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण भी करते हैं।
कोरोना महामारी के दौरान बनाई कई पॉलिसी
उनके कार्यकाल के दौरान कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई आर्थिक अशांति के माहौल में सुब्रमण्यन ने अहम पॉलिसी भी बनाई थी। साथ ही वे RBI और सेबी की एक्सपर्ट कमेटी का हिस्सा रह भी चुके हैं। सुब्रमण्यन बंधन बैंक (Bandhan Bank) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल रहे हैं।
दुनिया के दिग्गज एक्सपर्ट्स में शामिल
बैंकिंग, कॉर्पोरेट सेक्टर और आर्थिक नीति में दुनिया के दिग्गज एक्सपर्ट्स में कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का नाम शामिल है। उनके द्वारा लॉ एंड फाइनेंस, बैंकिंग, इनोवेशंस, इकोनॉमिक ग्रोथ और कॉरपोरेट गवर्नेंस जैसे कई विषयों पर रिसर्च पेपर्स लिखे है, जो दुनिया के प्रमुख जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। वह RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के मार्गदर्शन में बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस, शिकागो यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी की है। इसके साथ ही वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से पढ़ाई भी कर चुके हैं।
