बदायूं: नाबालिग बनने जा रही थी दुल्हन...चाइल्डलाइन पहुंची और रोका बाल विवाह 

बदायूं: नाबालिग बनने जा रही थी दुल्हन...चाइल्डलाइन पहुंची और रोका बाल विवाह 

बदायूं, अमृत विचार। चाइल्ड लाइन और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम और पुलिस ने एक बालिका की शादी रुकवाई। चाइल्डलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचना मिलने पर टीमें थाना मूसाझाग क्षेत्र के एक गांव में पहुंची थीं। जहां सोमवार को शादी होनी थी। परिवार में शादी की तैयारी चल रही थी। टीम ने शादी रुकवाई और बालिका के परिजनों चेतावनी दी कि अगर निर्धारित उम्र से कम उम्र में शादी की तो कार्रवाई की जाएगी। इस साल अब तक 10 बाल विवाह रोके गए हैं।

टोल फ्री नंबर से सूचना मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन परियोजना के समन्वयक कमल शर्मा ने जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार, मूसाझाग पुलिस और बाल कल्याण समिति को अवगत कराया। जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देश पर चाइल्ड हेल्पलाइन सुपरवाइजर विकास कश्यप, केस वर्कर दुर्वेश चंद्र, एएचटी प्रभारी अजय कुमार, मूसाझाग के उपनिरीक्षक आकाश कुमार, रवि कुमार, सिपाही उपासना व रिंकू गांव पहुंचे। बालिका व उसके परिवार से मिले। बालिकाओं के आयु के साक्ष्य मांगे। जिसमें साक्ष्यों के अनुसार उसकी उम्र 16 साल निकली। परिजनों ने भी उसकी उम्र 16 साल ही बताई थी। बालिका के पिता को शादी न करने के बारे में समझाया। बाल विवाह के दुष्परिणाम और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में बताया कि अगर लड़की की शादी 18 वर्ष से पहले करते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई होगी। जिसमें एक लाख रुपये जुर्माना और दो साल की सजा का प्रावधान है। 

परिजनों ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी। बालिका के पिता ने प्रभारी निरीक्षक की उपस्थिति में शपथ पत्र दिया कि जब तक उनकी बेटी की 18 वर्ष न हो जाए तब तक वह उसकी शादी नहीं करेंगे। अगर करेंगे तो कार्रवाई की जाए। बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। परियोजना समन्वयक ने बताया कि इस साल अब तक 10 बाल विवाहों को रोके जा चुके हैं। जिले में इतने ज्यादा बाल विवाह होना चिंता का विषय है। इस मौके पर जिला बाल संरक्षण इकाई, ग्राम प्रधान सावित्री देवी व प्रधान पति आदि उपस्थित रहे।