कासगंज: तहसील और कोर्ट में स्टांप की कालाबाजारी, ओवर रेटिंग से लोग परेशान

कासगंज, अमृत विचार: तहसीलों में बिकने वाले स्टांप और टिकट पर ओवररेटिंग की जा रही है। हालांकि इस मामले में बीते दिनों ही देश की सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया था कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके बावजूद भी स्टांप विक्रेता लोगों से लूट कर रहे हैं।
सस्ता और सुलभ न्याय दिए जाने की बात करने वाली न्यायिक व्यवस्था की नाक तले स्टांप और ट्रैक्टर पर ओवरराइटिंग हो रही है। सरकार ने स्टंप को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए थे, लेकिन मुनाफाखोर अभी भी लाखों के स्टांप दबाकर बैठे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार जारी किए गए स्टांप का विवरण किस प्रकार छिप जाता है।
अदालत परिसर में देखा जाए तो 10 का स्टांप 20 रुपये में फ्रैंकलिन जो 10 में आनी चाहिए उसके लिए 15 रुपये 100 का स्टांप 150 से 200 में मिल रहा है। यही नहीं प्रार्थना पत्रों पर लगने वाले टिकट भी निर्धारित दर से अधिक पर बेचे जा रहे हैं। अधिक पर स्टांप बेचने का सबसे ज्यादा नुकसान उस वादकारी को उठाना पड़ता है जो अदालत में न्याय पाने के लिए आया है। उसे प्रार्थना पत्र पर लगने वाली टिकट ओवर रेट पर खरीदना पड़ता है।
ट्रेजरी कार्यालय से ही स्टांप की ओवररेटिंग को लेकर भ्रष्टाचार शुरु होता है। मामले जिलाधिकारी के समक्ष बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर उठाया जाएगा। वादकारियों का अहित नहीं होने दिया जाएगा- सतेंद्र पाल सिंह वैस, वरिष्ठ अधिवक्ता
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