जम्मू के ब्लैक आउट से निकले तब ली राहत की सांस, भूखे-प्यासे कानपुर के कारोबारी परिवार ने पठानकोट में किया चाय-नाश्ता

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। जम्मू में ब्लैक आउट में फंसा शहर का कारोबारी परिवार शुक्रवार को वहां से किसी तरह निकला। स्टेशन से ट्रेन चली तब परिवार ने राहत की सांस ली। दो दिन से बिना कुछ खाए-पिए चल रहे परिजनों ने पठानकोट पहुंचने पर चाय-नाश्ता किया। उसके बाद विष्णुपुरी में रहने वाले बड़े भाई को सकुशल लौटने की जानकारी दी। 

नवाबगंज के विष्णुपुरी निवासी स्टेशनरी कारोबारी रितेश अग्रवाल का चौक में प्रतिष्ठान है। उनके बड़े भाई मुकेश अग्रवाल चौक व्यापार मंडल के अध्यक्ष हैं। फोन पर हुई बातचीत में रितेश ने बताया कि पत्नी चारू व दोनों बेटे कान्हा व कुश के साथ छह मई को वैष्णो देवी माता के दर्शन करने गए थे। गुरुवार को वापसी कर रहे हैं तभी यात्रा मार्ग में सारी लाइटें बंद कर दी गईं। अंधेरे में घोड़ा-खच्चर से कई श्रद्धालु गिरे। किसी तरह कटरा पहुंचे, वहां से जम्मू स्टेशन आए। 

स्टेशन से दोपहर 3.15 बजे जब ट्रेन रवाना हुई तब राहत मिली। शाम पांच बजे पठानकोट पहुंचने पर परिजनों संग चाय-नाश्ता किया और बड़े भाई को लौटने की जानकारी दी। रितेश ने बताया कि जम्मू ही नहीं पठानकोट और बीच के स्टेशनों पर भी भारी भीड़ है। लोग जम्मू से निकलकर घर पहुंचना चाह रहे हैं। टीटी से लोग कहते दिखे कि सीट नहीं चाहिए। बाथरूम के पास खड़े-खड़े सफर कर लेंगे, बस जाने दो। दुकानें भी बंद होने से खाने-पीने का सामान नहीं मिल पा रहा है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। 

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