लखीमपुर खीरी: दिखावे के शौक ने ली ग्रामीण की जान, बंधना था सेहरा लगी हथकड़ी

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Published By Preeti Kohli
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: जिस घर में खुशियों का डेरा था। लोग तिलकोत्सव देखने के लिए आने लगे थे। वहीं जिसका तिलक चढ़ना था उसी के दिखावे के शौक में फायिरंग की तो चली गई हरकरन की जान। मृतक के घर चीख पुकार मच गई। तिलक वाले घर से लेकर पूरे गांव में मातम छा गया। साथ ही सभी के जेहन में हमेशा के लिए दर्द पैदा कर दिया। सेहरा बंधने से एक दिन पहले ही उसके हाथ में हथकड़ी पड़ गई।

गांव जोधपुर निवासी रामविलास के बेटे विश्वनाथ की बरात रविवार को जानी थी। पिता ने शादी धूमधाम से करने के लिए काफी इंतजाम किए थे। शनिवार रात विश्वनाथ की वरीक्षा और तिलक कार्यक्रम था। इससे काफी खुशी का माहौल था। कुछ लोग समारोह में आने के लिए घरों पर संवर रहे थे। कुछ लोग समारोह में पहुंचकर खुशियों में शामिल हो चुके थे।

देर रात करीब 11 बजे दिखावे की खुशी ने पूरे माहौल को मातम में बदल दिया। जिस जगह लोग डीजे पर डांस कर रहे थे और लाइटों की चमक के बीच काफी चहल-पहल थी। वहां होने वाले दूल्हे विश्वनाथ के हाथ से हर्ष फायरिंग में चली गोली से अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भाग पड़े। पल भर में सन्नाटा पसर गया। गोली गांव के हरकरन को जा लगी। 

पल भर में चीख पुकार मच गई। खुशियां गम में बदल गईं। उधर, जब हरकरन की मौत की खबर गांव पहुंची तो परिवार में चीख पुकार मच गई। गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। जिस घर पर तिलोकत्सव था, वहां पर वीरानी छा गई। उस घर के लोग गायब थे। समारोह रद्द हो गया। मृतक के बेटे विवेक सिंह ने बताया कि वह भी अपने पिता के साथ समारोह में गया था।

उसका कहना है कि विश्वनाथ और उसके पिता के बीच किसी बात को लेकर अनबन पहले से ही चल रही थी। आरोपी के पिता के निमंत्रण देने पर पिता के साथ वह भी गया था। हर्ष फायरिंग के आरोपी विश्वनाथ की बरात जाती और उसके सिर पर सेहरा सजता। इससे पहले ही झूठी शान ने उसके हाथ में हथकड़ी डलवा दी। बताया जाता है कि घटना के बाद शादी का रिश्ता भी टूटना तय हो गया।

पहले मां अब पिता का भी सिर से उठा साया
मृतक हरिकरन के परिवार में दो पुत्र व एक पुत्री है। उनकी पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है। मां और अब पिता का साया सिर से उठने से बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। बिलख रहे बच्चों और अन्य परिजनों को रिश्तेदार और पड़ोसी सांत्वना दे रहे थे।

शोक में डूबा गांव
तिलकोत्सव होने के कारण घर-परिवार व गांव में खुशी का माहौल था। पल भर में पूरे गांव की खुशियां मातम में बदल गईं। हरकरन की मौत की खबर जब उसके घर आई तो परिवार में चीख पुकार मच गई। समारोह वाले के घर से लेकर पूरे गांव में सन्नाटा पसरा था। घर पर कोई व्यक्ति मौजूद नहीं थे। मृतक के बच्चे और परिवार के लोग पोस्टमार्टम हाउस पर बिलख रहे थे।

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