प्रयागराज : 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने से किया इनकार

Allahabad High Court Decision : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापकों के 69000 पदों के लिए की गई भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) देने के संदर्भ में दाखिल दर्जनों अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान मुद्दे से संबंधित भर्ती प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। बोर्ड के सचिव ने अपने हलफनामे में स्पष्ट रूप से बताया है कि सभी नियुक्तियां सहायक अध्यापकों के विज्ञापित 69000 रिक्त पदों पर की गई हैं।
इसके साथ ही कोर्ट ने पाया कि रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे पता चले कि परीक्षा फॉर्म में किसी भी अभ्यर्थी से उसकी ईडब्ल्यूएस स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई थी। ऐसे में यह पता लगाना कठिन होगा कि वास्तव में कौन से अभ्यर्थी ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आते हैं। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों के विवरण के अभाव में उनकी मेरिट सूची तैयार करना और भी कठिन हो जाएगा और अगर उक्त आरक्षण के कार्यान्वयन के लिए आदेश दिया जाता है तो अनारक्षित श्रेणी के 10% अभ्यर्थियों को बाहर करना पड़ेगा, जिससे ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों को समायोजित किया जा सके। चयनित व्यक्ति पिछले कई वर्षों से कार्यरत हैं और वर्तमान अपीलों में उनकी नियुक्ति और चयन को कोई चुनौती नहीं दी गई है, साथ ही किसी भी चयनित अभ्यर्थी को पक्षकार नहीं बनाया गया है।
ऐसे में कोर्ट द्वारा प्रश्नगत भर्ती में 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण बढ़ाने के लिए कोई भी निर्देश जारी करना विवेकपूर्ण और न्यायोचित नहीं होगा, क्योंकि ऐसे आदेश का कार्यान्वयन संभव नहीं है। इसके अलावा अधिकांश अपीलकर्ता बी.एड डिग्री धारक हैं, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के आधार पर नियुक्ति के लिए अपात्र हैं। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरी की खंडपीठ ने शिवम पांडेय सहित दर्जनों विशेष अपीलों को खारिज करते हुए पारित किया।
मालूम हो कि वर्तमान अपीलें एकल न्यायाधीश द्वारा 29 फरवरी 2024 को दिए गए निर्णय के खिलाफ दाखिल की गई हैं, जिसमें 69000 सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण देने से इनकार कर दिया गया था। एकल न्यायाधीश ने माना था कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आरक्षण लागू होने से पहले ही भर्ती शुरू हो गई थी। अतः भर्ती नियमों के विपरीत अभ्यर्थियों को आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।
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