साइबर कान्ड्रिया का शिकार हो रहे बच्चे, मोबाइल की लत प्रभावित कर रही मानसिक विकास : KGMU विशेषज्ञ
लखनऊ, अमृत विचार। केजीएमयू के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के प्रेक्षागृह में शुक्रवार को मोबाइल और इंटरनेट के अत्याधिक इस्तेमाल से स्कूली बच्चों पर असर विषय पर कार्यशाला हुई। इसमें स्कूल के शिक्षक-शिक्षकाएं शामिल हुई। शिक्षक व शिक्षिकाओं को मानसिक बीमारियों के लक्षणों के बारे में बताया गया।
मानसिक स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक अग्रवाल ने बताया यदि आपके बच्चे की उम्र पांच साल से कम है। वह मोबाइल देखने का लती है। तो संजीदा हो जाएं। मोबाइल व इंटरनेट का अत्याधिक इस्तेमाल से बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल व इंटरनेट की लत उम्र के हिसाब से बच्चों को परेशान करती है। पांच साल से छोटे उम्र के बच्चों का दिमाग का विकास तेजी से होता है। ऐसे में यदि उसे मोबाइल या स्क्रीन की आदत हो जाए तो उससे परिणाम बेहद घातक झेलने पड़ सकते हैं। बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है।
केजीएमयू में ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ी
डॉ. विवेक अग्रवाल ने बताया कि बड़े बच्चे मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलना अधिक पसंद करते हैं। इसके अलावा पोर्न फिल्म आदि के भी लती हो सकते हैं। केजीएमयू मानसिक स्वास्थ्य विभाग की ओपीडी में ऐसे काफी बच्चे आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ बच्चे इंटरनेट पर बीमारियां आदि पढ़ने के लती हो जाती हैं। हवा-हवाई बातों पर अधिक यकीन करते हैं। चिकित्सा विज्ञान में इसे साइबर कान्ड्रिया कहते हैं।
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