खून का रिश्ता हुआ 'खूनी': जमीन के टुकड़े के लिए चाचा ने की भतीजे की हत्या, मां और बड़े भाई घायल

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

हरदोई। सवा बीघा जमीन को गिरवी रखने की बात का लेकर शुरू हुआ विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया और सगे चाचा ने अपने 15 साल के भतीजे के ऊपर लाठी से हमला कर उसकी हत्या कर दी, बचाने दौड़े बड़े भाई और बुज़ुर्ग मां को भी नहीं छोड़ा। उनके ऊपर भी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। वारदात के बाद हत्यारा चाचा वहां से फरार हो गया। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।

बताया गया है कि बेहटा गोकुल थाने के ठगपुरवा मजरा भदेउना निवासी लालता प्रसाद के तीन बेटों में महिपाल सबसे बड़ा है, उससे छोटे पप्पू की पहले ही मौत हो चुकी थी, सबसे छोटा विजय कुमार है। महिपाल का 15 वर्षीय इकलौता बेटा सहवाग उर्फ अजीत कुमार बाबा जी शिक्षा निकेतन भदेउना में 9 वीं का छात्रा था, उससे छोटी 12 वर्षीय बहन कोमल है।

छोटे भाई विजय कुमार महिपाल के हिस्से की सवा बीघा ज़मीन उसकी गैर मौजूदगी में रायपुर के लाखन के पास गिरवी रख दी।शनिवार को विजय कुमार घर पहुंचा तो सहवाग उर्फ अजीत ने उससे ज़मीन गिरवी रखने के बारे पूछ दिया,उसी बात से विजय कुमार तिलमिला उठा और गाली-गलौज करने लगा। महिपाल घर में सो रहा था,उसकी बुज़ुर्ग मां रामरानी ने चाचा-भतीजे के बीच कहासुनी होने के बारे में बताया।

महिपाल और उसकी मां रामरानी बीच में आ गए,तभी विजय ने कुल्हाड़ी से वार कर दिया,लेकिन सहवाग उर्फ अजीत ने उसका हाथ पकड़ लिया,उसी से गुस्साए चाचा ने भतीजे के सिर पर लाठी से हमला कर दिया,जिससे वह लहूलुहान हो कर वहीं पर गिर पड़ा,तभी हमलावर चाचा विजय कुमार वहां से भाग निकला।

हमले में महिपाल और उसकी मां के भी चोंटे आईं थीं,लेकिन सहवाग उर्फ अजीत की हालत देख कर उसे उठा कर भाग निकले,उसे पहले एक निजी हास्पिटल पहुंचाया गया,जहां से लखनऊ के लिए रिफर कर दिया गया। वहां देर रात उसकी मौत हो गई। इसका पता होते ही सहवाग उर्फ अजीत के घर-परिवार में चीख-पुकार होने लगी। पुलिस ने शव कब्ज़े में लेते हुए उसका पोस्टमार्टम कराया है। पूरे मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है।

छोटी से उम्र में बड़ो जैसी संभालता था ज़िम्मेदारी

महिपाल पंजाब और राजस्थान में रह कर मज़दूरी करता था,उसके परिवार में पत्नी रुक्मणि और बेटा सहवाग उर्फ अजीत कुमार व बेटी कोमल थी। साल 2018 की बात है कि महिपाल पंजाब में था,उसी बीच रुक्मणि बीमार पड़ गई,इसका पता होते ही वहां गांव आया,उसने पत्नी के इलाज में काफी पैसा खर्च किया,लेकिन फिर भी उसे बचा नहीं सका। मां के न रहने के बाद सहवाग उर्फ अजीत छोटी उम्र में अपने पिता के बाहर रहते हुए घर की पूरी ज़िम्मेदारी संभालता था,बहन कोमल के अलावा बुज़ुर्ग दादी रामरानी का पूरा ख्याल रखता था। उसके पिता का कहना है कि सहवाग उर्फ अजीत की मौत होने से उसका पूरा घर वीरान लगने लगा।

पढ़ाई-लिखाई में था सबसे अव्वल

ठगपुरवा में अपने सगे चाचा के हाथों मारा गया सहवाग उर्फ अजीत पढ़ने-लिखने में काफी होनाहार था,उसी वजह से महिपाल को भूखे पेट रहना बर्दाश्त था,लेकिन वह अपने बेटे को आगे तक पढ़ाना चाहता था। महिपाल ने रोते हुए बताया कि इसी साल उसके आगे कुछ तंगी आ गई,उसने बेटे की कापी-किताबें खरीदने के लिए दूसरे गांव से रुपये उधार लिए,लेकिन पढ़ाई  से उसने कोई समझौता नहीं किया।

संबंधित समाचार