चीनी मिल प्रबंधकों की लापरवाही...बरेली, शाहजहंपुर, पीलीभीत की मिलों को आरसी जारी
बरेली, अमृत विचार। मंडल की चार चीनी मिलों के खिलाफ जारी हुई आरसी (वसूली प्रमाण पत्र) प्रबंधकों की मनमानी और लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है। गन्ने की फसल बेचने के बाद भी किसान भुगतान के लिए परेशान रहे। गुहार पर गुहार लगाते रहे। मिल के अधिकारी, प्रबंधक आश्वासन पर आश्वासन देते रहे, मगर भुगतान नहीं हाे सका। आखिरकार मामला शासन तक पहुंचा और फिर बुधवार को प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त की ओर से आरसी जारी कर दी गई। इसमें बरेली की दो और शाजहांपुर-पीलीभीत की एक-एक चीनी मिल शामिल है। सभी से भू राजस्व की तरह वसूली के आदेश दिए हैं।
दरअसल, मंडल के बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर में गन्ना किसान लंबे समय से भुगतान न होने की समस्या से जूझ रहे है। ऐसे किसानों की संख्या हजारों में थी और उनका करोड़ों रुपये का भुगतान लटका हुआ है, जबकि सरकार ने 14 दिन में भुगतान करने के आदेश दे रखे हैं। इसके बाद भी काफी समय से भुगतान का मुद्दा छाया हुआ रहता है। हर बैठक में डीएम की ओर से मिल प्रबंधकों को सख्त चेतावनी जारी की जाती है। समय दिया जाता था कि भुगतान कर दिया जाए, नहीं तो सख्त कदम उठाया जाएगा। लगातार चेतावनी और सख्ती बरतने के बाद भी मिल प्रबंधन इसको लेकर गंभीर नहीं हुए और न ही भुगतान किया गया। मामला शासन तक पहुंचा।
मिल प्रबंधकों की मनमानी और किसानों की समस्या को देखते हुए प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने सख्त रुख दिखाया। उन्होंने गन्ने का भुगतान नहीं करने वाली आठ चीनी मिलों के खिलाफ आरसी जारी की है, जिसमें बरेली की बहेड़ी, नवाबगंज के अलावा पीलीभीत की बरखेड़ा, शाहजहांपुर की मकसूदापुर की चीनी मिल है। आरसी जारी होने के बाद मिल प्रबंधकों में खलबली मच गई है। आयुक्त की ओर से दिए गए निर्देश में कहा गया है कि संबंधित जिले का प्रशासन भू-राजस्व के बकाया की तरह मिलों से वसूली करेगा। भुगतान में लापरवाही बरतने वाली मिलों के आगामी पेराई सत्र के लिए गन्ना क्षेत्रफल के पुर्ननिर्धारण पर भी विचार किए जाने की संभावना व्यक्त की गई है।
