SGPGI के Doctors ने खोजा फैटी लिवर का इलाज, अब नहीं होना पड़ेगा लंबे समय तक परेशान
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लखनऊ, अमृत विचार: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के विशेषज्ञों ने लंबे शोध के बाद नॉन एल्कोहलिक लोगों के फैटी लिवर का इलाज खोजा है। शोध के मुताबिक शरीर में पाए जाने वाले प्राकृतिक डीहाइड्रोएपि एंड्रोस्टेरोन हार्मोन लोगों के फैटी लिवर के जोखिम को कम करेगा। यह शोध पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के डॉ. रोहित ए सिन्हा, डॉ. सना रजा और प्रतिमा गुप्ता ने किया है। इस शोध को मॉलिक्यूलर एंड सेल्युलर एंडोक्रिनोलॉजी पत्रिका ने हाल ही में प्रकाशित किया है।
डॉ. रोहित ने बताया कि आधुनिक दौर में शराब न पीने वाले लोगों में मोटापा, डायबिटीज और खराब जीवन शैली सबसे बड़ा फैटी लीवर का कारण बनता जा रहा है। युवा और बड़ों में यह ज्यादा हो रही है। पीजीआई द्वारा किए गये शोध में यह देखा गया कि इस हार्मोन का स्तर बढ़ाने से लोगों में फैटी लिवर का जोखिम कम किया जा सकता है।
हाइड्रोएपि एंड्रोस्टेरोन हार्मोन लिवर की कोशिकाओं से हानिकारक वसा को हटाने, सूजन कम करने के साथ ही दूसरे नुकसान को रोकता है। यह हार्मोन पुरुष और महिलाओं में सेक्स हार्मोन के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। लिहाजा यह शराब न पीने वाले लोगों में फैटी लिवर से बचाने में मददगार साबित होगा। डॉ रोहित ने बताया कि इस हार्मोन की मात्रा को शरीर में संतुलित कर लोगों में फैटी लिवर को काबू में किया जा सकता है।
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