रेलवे ने लोको पायलट के विश्राम नियमों में किया बदलाव, यूनियन ने बताया ‘अवैध आदेश’ 

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने रेलवे के विभिन्न जोन और मंडलों में अपनाए जाने वाले अलग-अलग नियमों में एकरूपता लाने के मकसद से ट्रेन चालक दल के सदस्यों के लिए ‘आउटस्टेशन’ (मुख्यालय से बाहर के) विश्राम नियमों को बदलने की घोषणा की है। ‘ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन’ (एआईएलआरएसए) ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर इस कदम पर विरोध दर्ज कराया है और इसे ‘‘अवैध आदेश’’ बताया है। 

उनका कहना है कि यह आदेश मंत्रालय के पिछले आदेशों का उल्लंघन करता है। रेल सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) के महाप्रबंधक के नाम मंत्रालय की ओर से तीन जून को जारी परिपत्र में कहा गया कि ट्रेन परिचालन के दौरान उसमें ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के लिए कार्य अवधि के संदर्भ में ‘आउटस्टेशन’ विश्राम नियम छह प्रकार के हैं। 

तीन विश्राम मानदंडों को निर्दिष्ट करते हुए परिपत्र में कहा गया, ‘‘मामले की समीक्षा की गई और मौजूदा नियमों के अनुरूप ‘आउटस्टेशन’ विश्राम नियमों में एकरूपता बनाए रखने के लिए बोर्ड द्वारा नियमों में बदलाव की मंजूरी दी गई।’’ परिपत्र के अनुसार, ट्रेन में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को आठ घंटे ड्यूटी करने पर आठ घंटे का विश्राम और पांच से आठ घंटे की ड्यूटी करने वालों को छह घंटे का विश्राम दिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि जो कर्मचारी पांच घंटे या उससे कम अवधि की ड्यूटी करते हैं उन्हें ड्यूटी की अवधि से एक घंटा अधिक विश्राम के लिए मिलेगा। 

दूसरी ओर, एआईएलआरएसए ने कहा कि मंत्रालय का पत्र सुरक्षित रेल परिचालन को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा क्योंकि यह 2016 में मंत्रालय द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के कार्य घंटों के नियमों की पूरी तरह से अवहेलना करता है। यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि समिति का मानना ​​है कि आठ घंटे से कम अवधि का कोई भी विश्राम अपर्याप्त है क्योंकि इस अवधि के दौरान कर्मचारियों को विश्राम के अलावा कई अन्य गतिविधियों में भी काफी समय देना पड़ता है। 

उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए लोको पायलट को लॉबी से रनिंग रूम तक जाने, व्यक्तिगत स्वच्छता संबंधी जरूरतों को पूरा करने, भोजन तैयार करने एवं भोजन करने और अन्य कार्यों के लिए समय की आवश्यकता होती है। एआईएलआरएसए के महासचिव केसी जेम्स ने कहा, ‘‘इस प्रकार कर्मचारी को विश्राम के लिए वास्तव में आठ घंटे से बहुत कम समय मिलता है, जबकि कम से कम आठ घंटे की नींद जरूरी होती है।’’ 

यह भी पढ़ेः Bareilly News: पुलिस गिरफ्त में लुटेरा, महिला को घायल कर लूट की वारदात को दिया था अंजाम

संबंधित समाचार