सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने दादा व पिता का नाम किया रोशन

कस्बा निवासी रोहन त्रिपाठी ने तीसरी पीढ़ी में भी कायम रखी सैन्य परंपरा, रोहन की कामयाबी से कस्बा व क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर
शैलेश शुक्ला, अमृत विचार। कहते हैं मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। उक्त कहावत को चरितार्थ किया है कस्बा निवासी रोहन त्रिपाठी ने। पारिवारिक सैन्य परंपरा को कायम रखते हुए बेहद कम उम्र में रोहन ने भारतीय सेवा में लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर अपने गाँव व जनपद का नाम रोशन किया है।
चौबेपुर पड़ाव निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल पी एन त्रिपाठी के बेटे राजेश त्रिपाठी ने पिता के कदमों पर चलते हुए आर्मी में जाने का निर्णय लिया और मौजूदा समय में वह लेह मे लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं। इधर राजेश त्रिपाठी के बेटे रोहन ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर तीसरी पीढ़ी मे भी सैन्य परंपरा को कायम रखा है। एनडीए के माध्यम से सीधे लेफ्टिनेंट बनकर देश की रक्षा व सेवा का सपना संजोये रोहन की इस कामयाबी से परिवार ही क्या संपूर्ण क्षेत्र वासियों को गर्व है।
बता दे कि रोहन ने वर्ष 2019 में आर्मी पब्लिक स्कूल बेंगदुबी, सिलीगुड़ी से हाई स्कूल की परीक्षा 98.8 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण कर देश भर के आर्मी स्कूलों में प्रथम स्थान हासिल किया था। वहीं वर्ष 2021 में आर्मी पब्लिक स्कूल धौला कुआं दिल्ली से इंटरमीडिएट की परीक्षा 98.6 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण की। इसी वर्ष यूपीएससी परीक्षा में पहले ही प्रयास में एनडीए की परीक्षा पास की। तीन वर्ष पुणे में प्रशिक्षण के बाद आई एम ए देहरादून से एक वर्ष का प्रशिक्षण लेने के बाद मात्र 21 वर्ष 6 माह की छोटी उम्र में उन्होनें 16 जून को सेना मे लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर लिया। रोहन अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। पिता राजेश लेफ्टिनेंट कर्नल व मां भावना त्रिपाठी ग्रहणी हैं। रोहन की इस उपलब्धि से उनके पारिवारिकजनों के साथ क्षेत्रवासियों में भारी खुशी व्याप्त है।
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