लखनऊ में अमेरिका-इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन, मुस्लिम धर्मगुरुओ ने बताया ट्रंप को मानवता के लिए बड़ा ख़तरा

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: ईरान पर इजराइल और अमेरिका के हालिया हमलों तथा ईरानी सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामनेई को दी गई धमकियों के खिलाफ छोटे इमामबाड़े में मंगलवार की शाम मौलाना यासूब अब्बास के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया।

हैदरी टास्क फोर्स की ओर से आयोजित इस प्रदर्शन में कई धर्मगुरु शामिल हुए। टास्क फोर्स के संरक्षक शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा की गई बमबारी बेहद निंदनीय है। शांति के नाम पर जंग की आग में घी डालना दुनिया को विनाश की ओर ले जा सकता है। ट्रंप जैसे नेता शांति के नहीं, बल्कि मानवता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है।

मौलाना यासूब ने इजराइल की ओर से आयतुल्लाह ख़ामनेई को कत्ल की धमकी को वैश्विक शांति के लिए गंभीर ख़तरा बताया। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को, अपनी आने वाली नस्लों को ये ज़रूर बताना कि तुमने वो दौर भी देखा है जब एक 86 साल का बुज़ुर्ग इस्लाम की हिफाज़त कर रहा था और ज़्यादातर इस्लामी मुल्क ऐश-ओ-आराम में डूबे हुए थे। उन्होंने कहा कि कहा कि इस ज़ुल्म के खिलाफ सऊदी अरब, जॉर्डन और बहरीन की खामोशी इसराईल और अमेरिका के ज़ुल्म का समर्थन है, यह खामोशी इतिहास में गुनाह के तौर पर दर्ज होगी।

हैदरी टास्क फोर्स के अध्यक्ष मुन्ने आगा ने कहा कि अमेरिका और इजराइल की सैन्य कार्रवाई एक आज़ाद देश की संप्रभुता पर हमला है। उन्होंने कहा कि यह पूरी मुस्लिम उम्मत की तौहीन है और हम इसका हर स्तर पर विरोध करते हैं। महामंत्री ज़ीशान ज़ैदी ने कहा कि यह सिर्फ एक देश पर हमला नहीं, बल्कि इंसानियत पर हमला है। उन्होंने कहा कि इजराइल की फौजें बेगुनाह औरतों, बच्चों और बुज़ुर्गों पर बम बरसा रही हैं। यह इंसानियत के खिलाफ संगीन जुर्म है और जो इस पर खामोश हैं, वो भी बराबर के हिस्सेदार हैं।

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