बाराबंकी जमुरिया नाला निर्माण हादसा: मजदूर खुद अपनी मौत का जिम्मेदार, ठेकेदार बेदाग करार

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Published By Deepak Mishra
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बाराबंकी, अमृत विचार। जमुरिया नाला निर्माण के दौरान सरिया की चपेट में आने से मजदूर की मौत के प्रकरण में पीडब्ल्यूडी ने ठेकेदार को क्लीनचिट दे दी है, वहीं घटना के लिए सीधे मजदूर की लापरवाही दर्शाई है। कहा जा सकता है कि एक मजदूर की जान का सौदा बड़े सस्ते में हो गया। अफसर भी कह रहे कि काम तो चल रहा है न, गलती तो मजदूर की ही थी। 

याद दिलाते चलें कि करीब 23 दिन पहले 3 जून की शाम नेशनल हाईवे 28 पर पटेल तिराहे के निकट जमुरिया नाला पर निर्माण कार्य चल रहा था। इसी बीच शाम के समय सरिया का जाल बांधने के लिए बिना सुरक्षा उपकरणों के मजदूर जुटाए गए। अचानक जाल बांधने के दौरान सरिया का बोझ जमीन की ओर जा गिरा। 

घटना में दो मजदूर खुद को बचा नहीं सके और बोझ के नीचे दब गए। जब तक दोनों को नीचे से निकाला जाता, तब तक रमेश (36) पुत्र छोटेलाल निवासी ग्राम व थाना मछेहटा जिला सीतापुर की मौत हो गई, वहीं बोझ से निकाले गए एक अन्य मजदूर बदलू निवासी वजीरगनर थाना रामपुर जिला सीतापुर को जिला अस्पताल भेजा गया।

इस घटना ने उस समय काफी तूल पकड़ा, वहीं निर्माण के लिए जिम्मेदारों ने भी पहुंच का इस्तेमाल तेज कर दिया। मामले की जांच लोक निर्माण विभाग खंड तीन के सहायक अभियंताओं की टीम को सौंपी गई। विभागीय सूत्रों के अनुसार डीएम को भेजी गई जांच रिपोर्ट में घटना के पीछे मजदूर की लापरवाही बताई गई है। 

कहा गया है कि सरिया बांधते समय दोनों मजदूरों की अनदेखी के चलते सपोर्ट हिल गया और बोझ इन पर जा गिरा। जिसमें से एक की मौत हो गई। कुल मिलाकर रिपोर्ट में ठेकेदार को क्लीनचिट देते हुए उसे बरी कर दिया गया। जबकि मौके पर नए पुल के निर्माण के दौरान कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों की घोर लापरवाही सामने आई थी। 

बिना सुरक्षा उपकरणों के मजदूरों से मुख्य मार्ग से करीब बीस फिट गहराई में काम कराया जा रहा था। वहीं काम के दौरान निगरानी में जमकर कोताही बरती गई। मजदूरों को ही राजगीर बनाकर रखा गया। कार्यस्थल पर नाबालिग काम करता मिला। ज्यादातर मजदूर सीतापुर के थे। जिसमें से एक का तो पूरा परिवार ही निर्माण में लगा था।

निर्माण की निगरानी किसी अभियंता की ओर से नहीं की जाने की भी बात सामने आई थी। उस समय दहशत में आए मजदूर दबी जुबान में कमियों की ओर इशारा करते रहे। हालांकि यह जाहिर हो गया था कि विभाग और ठेकेदार खुद को बचाने के लिए कुछ भी करेंगे। रिपोर्ट में ठेकेदार को मिली क्लीनचिट ने उसे सही भी साबित कर दिया।

क्या बोले अधिशाषी अभियंता

लोक निर्माण विभाग खंड तीन के  अधिशाषी अभियंता राजीव कुमार राय ने रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए शटरिंग का उदाहरण देते हुए घटनाक्रम समझाया और कहा कि घटना में गलती पूरी तरह से मजदूर की ही थी। बाकी काम ठेकेदार ही करता है विभाग सिर्फ निगरानी बनाये रखता है।

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