'इंटरनेट की ऐसी Speed कछुआ भी शरमा जाए', Schools Internet की आधी-अधूरी सूची, प्राथमिक विद्यालयों में आ रही बाधा

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
On

अमित पांडेय/ लखनऊ, अमृत विचारः गजब! राजधानी के 1618 प्राथमिक विद्यालयों को तेजी से इंटरनेट सेवाओं से जोड़ने के लिए सरकार ने जिम्मेदारों को दिशा-निर्देश दिए। लेकिन चार माह बीतने के बाद भी महज 41 विद्यालय ही अब तक इंटरनेट सेवाओं का लाभ लेने की स्थिति में हैं। जरा सोचिए ऐसी गति से तो कछुआ भी शरमा जाए। कब तक तय सभी प्राथमिक विद्यालयों में इंटरनेट की सेवा बहाल हो पाएगी। इसे कहना मुश्किल है। इसके पीछे वजह भी सामने आई है। शिक्षा अधिकारियों द्वारा जो सूची बीएसएनएल को मुहैया कराई है वह ही आधी-अधूरी है। बीएसएनएल के जिम्मेदार बता रहे हैं कि शिक्षा विभाग की ओर से जो सूची भेजी गई है उसी आधार पर विद्यालयों को इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

ग्रामीण स्कूलों में इंटरनेट पहुंचाने के लिए समग्र शिक्षा योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना की मंशा है कि गांव के सभी स्कूल इंटरनेट से जुड़ें ताकि शहरों की तरह वहां भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी जा सके। सभी बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिल सके। योजना के अंतर्गत राजधानी के 1618 प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों को इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराई जानी है। लेकिन शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही से छात्रों तक इंटरनेट की सुविधा नहीं सभी विद्यालयों तक नहीं पहुंच पा रही है। इससे छात्र मिलने वाली आधुनिक शिक्षा से छात्र वंचित है।

बीएसएनएल सरकार की योजना के अनुरूप प्राथमिक विद्यालयों में तेजी से कार्य कर रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा जो भी सूची मिल रही है, उन विद्यालयों में बीएसएनएल तेजी से इंटरनेट की सुविधा प्रदान कर रहा है। - राजेश कुमार, प्रधान महाप्रबंधक बीएसएनएल

ये भी पढ़े : बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने दोषी बाबू खान को दी जमानत, CBI कोर्ट ने 22 अगस्त 2024 में सुनाई थी सजा

संबंधित समाचार