डायबिटीज मरीजों का हार्ट अटैक को लेकर गंभीर रहने की जरूरत, सांस लेने में तकलीफ को न करें नजरअंदाज

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: अनियमित खान-पान व बेतरतीब जीवनशैली से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। हार्ट अटैक से पहले मरीज को कुछ लक्षण महसूस होते हैं लेकिन महिलाओं और डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक के लक्षण कम महसूस होते हैं। लिहाजा महिलाओं और डायबिटीज मरीजों को हार्ट अटैक को लेकर अधिक गंभीर रहने की जरूरत है। यह जानकारी लोहिया संस्थान में कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने दी। 

वह गुरुवार को आजमगढ़ के डॉक्टरों को हार्ट अटैक से जुड़ी बीमारी की पहचान और इलाज से रूबरू करा रहे थे। डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने कहा कि डायबिटीज मरीजों को दिल समेत दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 

डायबिटीज मरीज डॉक्टर की सलाह पर करें दवाओं का सेवन

-नियमित व्यायाम और पैदल चलना चाहिए। 

-समय-समय पर दिल की सेहत की जांच भी करानी चाहिए। 

-इससे बीमारी को शुरुआती अवस्था में पकड़ जा सकता है। समय पर इलाज से बीमारी आसानी से काबू में आ सकती है।

नजरअंदाज नहीं करें सीने में दर्द व सांस लेने में तकलीफ  

निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहाकि सीने में दर्द व सांस लेने में तकलीफ को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खासतौर पर जब मरीजों को इन लक्षणों के साथ पसीना आए। 

-मतली, उल्टी और शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे हाथ, गर्दन, जबड़े, या पीठ में दर्द हो। 

-तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 

उन्होंने बताया कि अब तक आठ जिलों के डॉक्टरों को संस्थान प्रशिक्षित कर चुका है। गुरुवार को आजमगढ़ के डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया है।

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