बाढ़ की विभिषिका में कैसे बचें और बचाएं: आपदा प्रबंधन ने दिया प्रशिक्षण, तहसील क्षेत्रों में कराया गया मॉक अभ्यास

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। उप्र. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूपीएसडीएमए) ने गुरुवार को राज्य स्तरीय बाढ़ मॉक अभ्यास (स्टेट लेवल मॉक एक्सरसाइज) का आयोजन किया गया। यह अभ्यास प्रदेश के 44 जिलों की 118 बाढ़ संभावित तहसीलों में एक साथ किया गया। इस दौरान बाढ़ आने के कारण गांवों के जलमग्न होने, लोगों के पेड़, छतों पर फंसे होने, नकली समाचार व अफवाहों, नाव पलटना, पुल और सड़कों के टूटने जैसी प्रमुख परिदृश्यों से निपटना सिखाया गया। साथ ही राहत शिविर, बाढ़ चौकी, फील्ड हॉस्पिटल की व्यवस्था का भी प्रदर्शन किया गया। 

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले.जे. योगेंद्र डिमरी ने फर्रूखाबाद से वीडियो कॉन्फ्रेंस से सभी जिलों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य बाढ़ की आपात स्थिति में विभिन्न विभागों के समन्वय, संसाधनों की तत्परता एवं ग्राम से राज्य स्तर तक की प्रतिक्रिया प्रणाली का परीक्षण करना है। 

योजना भवन लखनऊ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार ब्रिगेडियर रवींद्र गुरुंग द्वारा सभी जिलों एवं तहसीलों के गतिविधियों का संचालन कराया गया। अभ्यास सत्र में जिलों के प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य विभागों की भागीदारी रही।

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