बदायूं: पीएम आवास योजना में 48 हजार से ज्यादा दावेदार, अब चलेगी पात्रता की कसौटी

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Published By Monis Khan
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बदायूं, अमृत विचार। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत जिले में चल रहा आवास सर्वे कार्य पूरा हो गया है। सर्वे के दौरान जिले में कुल 48,361 आवासहीन परिवार चिह्नित किए गए हैं। अब इन परिवारों की पात्रता की जांच के लिए सत्यापन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सत्यापन के बाद पात्र परिवारों के नाम सूची में शामिल कर भारत सरकार को भेजे जाएंगे, जिसके बाद उन्हें योजना के तहत आवास का लाभ मिल सकेगा।

यह सर्वे पीएम आवास योजना प्लस के अंतर्गत कराया गया, जिसका कार्य 15 मई तक पूरा करने का निर्देश था। सर्वे के लिए जिले की 1036 ग्राम पंचायतों में व्यापक प्रचार-प्रसार कर सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। साथ ही इच्छुक लाभार्थियों को स्वयं भी पोर्टल पर आवेदन करने की सुविधा दी गई थी।
सर्वे में 18,793 परिवारों को सर्वेयर द्वारा चिह्नित किया गया, जबकि 29,568 परिवारों ने स्वयं आवेदन कर अपनी स्थिति दर्ज कराई। सभी विवरण केंद्र सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किए जा चुके हैं।

अब रैंडम आधार पर इन आवेदनों का सत्यापन कराया जा रहा है। जिला स्तरीय अधिकारी कुल दो फीसदी, अन्य विभागों के अधिकारी दस फीसदी और बीडीओ पांच फीसदी आवासों की जांच कर रहे हैं। जांच के दौरान पात्रता मापदंडों के अनुरूप आवेदकों के विवरण और जमीनी स्थिति का मिलान किया जा रहा है।

सत्यापन में आ रही दिक्कतें, परिवार की परिभाषा बनी चुनौती
सत्यापन प्रक्रिया में अधिकारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि परिवार शब्द की स्पष्ट परिभाषा पहले तय नहीं थी। कई मामलों में विवाहित माता-पिता और उनके विवाहित बच्चों को एक ही परिवार माना गया है, जबकि नए शासनादेश के अनुसार पीएम आवास योजना ग्रामीण में पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे या अनाथ अविवाहित व्यस्क को ही एकल परिवार माना जाएगा।

परियोजना निदेशक ने बताया कि इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया था। प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार अब सत्यापन किया जा रहा है। गलत जानकारी देकर आवेदन करने वालों जैसे जिनके पास पहले से पक्का मकान है उनके नाम सूची से हटाए जा रहे हैं।

 परियोजना निदेशक अखिलेश कुमार चौबे ने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत कराए गए सर्वे का काम पूरा हो गया है। सर्वे में 48,361 नाम सूची में शामिल किए गए थे। अब उनका सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन कार्य पूरा होने के बाद नामों की अंतिम सूची भारत सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद पात्र लोगों को योजना का लाभ मिलेगा।

 

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