UP NEWS: परेशान मरीज... मौज में CHC कर्मी, एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए मरीजों को भटका रहे स्वास्थ्य कर्मचारी, भेज रहे जिला अस्पताल

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : कुत्ते के काटने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) लगाने की सुविधा होने के बावजूद पीड़ितों को टरकाया जा रहा है। उन्हें जिला अस्पताल भेजा जा रहा। इससे बड़े अस्पतालों में मरीजों का भार बढ़ता जा रहा। वहीं, जिन केंद्रों पर वैक्सीन लग भी रही है, वहां मरीजों को घंटों तक इंतजार कराया जाता है। राजधानी में सीएमओ के अधीन 20 सीएचसी का संचालन हो रहा है। सभी सीएचसी पर एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध होने का सीएमओ जरिए दावा किया जाता है।

कैसरबाग स्थित रेडक्रॉस सीएचसी पर गुरुवार को एक युवक वैक्सीन लगवाने के गया था। टीकाकरण कक्ष में पहुंचने पर उसे प्रभारी कक्ष में भेजा गया। प्रभारी ने वैक्सीन लगवाने के लिए बलरामपुर अस्पताल जाने की सलाह दी। यही स्थिति अलीगंज सीएचसी में बनी है। वहां पर आने वाले लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए बीआरडी महानगर संयुक्त चिकित्सालय भेजा जा रहा है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है सभी सीएचसी पर वैक्सीन मौजूद है। सीएचसी पर किस वजह से वैक्सीन नहीं लग रही है, इस मामले में जवाब तलब किया जाएगा।

कम से कम चार मरीज आने पर खोलते हैं वायल

कर्मचारियों ने बताया कि वैक्सीन की एक वायल (शीशी) में चार से पांच मरीजों को वैक्सीन लगाई जा सकती है। वहीं, सीएचसी पर एक दो मरीज आने पर बाकी के डोज खराब हो जाते हैं। यही वजह है कि मरीजों को बड़े अस्पताल भेजा जाता है या फिर अन्य मरीजों के आने तक इंतजार करने को कहा जाता है। हालांकि, अन्य मरीजों के न आने पर मरीज को लौटाने के बजाय वायल को खोल दिया जाता है।

बलरामपुर अस्पताल का पांच माह का मरीजों का ब्यौरा

माह             मरीज

मई             1778

अप्रैल             1741

मार्च             1683

फरवरी             1602

जनवरी             1662

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