भाषा विश्वविद्यालय को बॉर काउंसिल से मिली विधि पाठ्यक्रमों की मान्यता

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से बीए एलएलबी और एलएलबी पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता प्राप्त हो गई है। विश्वविद्यालय में वर्ष 2023 से विधि (लॉ) पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कराई जा रही है, जबकि एलएलएम पाठ्यक्रम वर्ष 2021 से संचालित हो रहा है।

कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय परिवार के लिए गर्व का क्षण है। विधि शिक्षा के क्षेत्र में हमारा उद्देश्य छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान देना है बल्कि उन्हें व्यावहारिक दृष्टिकोण और नैतिक मूल्यों से भी संपन्न करना है, ताकि वे समाज में न्याय और समानता के पक्षधर बन सकें।

रजिस्ट्रार डॉ. महेश कुमार ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता मिलना हमारे शैक्षणिक और प्रशासनिक प्रयासों की सफलता का प्रतीक है। हम विधि शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। विधि संकाय के डीन प्रो. मसूद आलम ने बताया कि हाल ही में विभाग में आठ सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है और एक सहयोगी (एसोसिएट) प्रोफेसर की तैनाती हुई है। इससे विधि संकाय की शैक्षणिक और शोध गतिविधियां और अधिक सशक्त होंगी।

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