सामूहिक आत्महत्या : साढू व साली गिरफ्तार, हड़पे थे 30 लाख रुपये, दुकान और मकान
आत्महत्या से पूर्व व्यवसायी ने बनाया था वीडियो, दोनों पर लगाए थे गंभीर आरोप, चौक में कपड़ा व्यवसायी, पत्नी और बेटी की आत्महत्या का मामला
लखनऊ, अमृत विचार: नक्खास के अशर्फाबाद में पत्नी शुचिता, बेटी ख्याति संग कपड़ा व्यवसायी शोभित रस्तोगी की आत्महत्या के मामले में चौक पुलिस ने बुधवार को नामजद आरोपी साढू व साली को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी विवेक सिद्धार्थ और साली मुदिता को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। जांच में सामने आया कि शोभित के साढ़ू विवेक सिद्धार्थ और साली मुदिता ने लाखों रुपये के साथ ही ससुराल की नेपाल के नेपालगंज स्थित करीब 60 लाख की दुकान और करीब एक करोड़ का मकान भी हड़प लिया था।
एसीपी चौक राजकुमार सिंह ने बताया कि साेमवार को परिवार के खुदकुशी के बाद पुलिस ने मृतक शोभित के मोबाइल को खंगाला। गैलरी में करीब ढाई मिनट का एक वीडियो मिला था। वीडियो में उन्होंने साढ़ू और साली पर दुकान और मकान हड़पने का आरोप लगाया था। आरोपियों ने दुकान अपने बेटे के नाम और मकान अपने नाम करा लिया था। वीडियो में यह भी कहा था कि जब साढ़ू को जरूरत थी, तब उसने बैंक से करीब 30 लाख रुपये का लोन लेकर उन्हें दिया था।
बैंक की 40 हजार रुपये प्रति माह किस्त जमा करनी पड़ती है। जब अपने रुपये मांगे तो दोनों ने नहीं दिए। जिसके चलते कई महीनों से बैंक की किस्त बाउंस हो गयी थी। बैंक से रिकवरी के लिए एजेंट आते थे। परेशान होकर शोभित परिवार के साथ दोनों से मिलने नेपालगंज गए थे। वहां पर उन्होंने दोनों मिन्नतें की। काफी गिड़गिड़ाने पर भी आरोपियों का दिल नहीं पसीजा था। आरोपियों ने कहा था कि रकम और संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा। तुम्हें मरना है तो मर जाओ। शोभित को यह बात काफी खराब लगी थी। एसीपी ने बताया कि आरोपी साढू व साली के खिलाफ मृतक के बड़े भाई शरद ने आत्महत्या के लिए उकसाने की मंगलवार को रिपोर्ट दर्ज करायी थी।
आरोपी विवेक सिद्धार्थ रस्तोगी और उनकी पत्नी मुदिता मूलरूप से हाता खानसामा राजा बजार चौक के रहने वाले हैं। वर्ष 2007 से दोनों नेपाल के नेपालगंज त्रिभुवन चौक स्थित अपनी ससुराल में रह रहे थे। भाई शरद ने आरोप लगाया था कि विवेक और मुदिता ने जरूरत के नाम पर शोभित से लाखों रुपये लिए, लेकिन वापस नहीं किए। इसके साथ ही ससुराल की संपत्ति में उन्हें हिस्सा देने के लिए कहा था, पर वह ससुर और सास को बहला फुसलाकर अपने बेटे के नाम करा ली थी।
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