कर्मचारियों की उदासीनता का शिकार हो रहे आम लोग, Aadhaar Card Error ठीक कराने एक से दूसरी जगह लगा रहे दौड़
लखनऊ, अमृत विचारः केस नं 1- अलीगंज पुरनिया निवासी सर्वेश शुक्ला को अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाना था जिसके लिए वह चांदगंज गार्डन स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक गये। वहां आधार बनाने वाले कर्मचारियों की ओर से कहा गया कि जो जन्म प्रमाण पत्र दिया जा रहा है वह रंगीन नहीं है। इसलिए वह बना नहीं पायेंगे। जबकि सर्वेश शुक्ला ने कहा कि यह वास्तविक कापी है। इसी के आधार पर आधार बना दीजिए। जिस पर सर्वेश शुक्ला को कर्मचारियों ने वापस लौटा दिया और वह इधर-उधर भटक रहें है।
केस नं 2- विकास नगर निवासी रेणुका सिंह ने बताया कि वह आधार कार्ड में बच्चे की जन्मतिथि को ठीक कराने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा आई थीं। कर्मचारियों ने जन्म प्रमाण पत्र मांगा जिसको दिया गया लेकिन उसके बाद भी कर्मचारी संतुष्ट नहीं हुए और बोले कि यह जन्म प्रमाण पत्र स्कैन नहीं हो रहा है। अनावश्यक की दौड़ लगाने के बाद उसी जन्म प्रमाण पत्र से जीपीओ स्थित आधार कार्ड केन्द्र में बच्चे का आधार कार्ड बन गया।
केस नं.3-महानगर निवासी सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि वह कपूरथला स्थित सेन्ट्रल बैंक में आधार कार्ड की त्रुटि ठीक कराने गये थे। लेकिन 3 घंटे बिताने के बाद भी समस्या का हल नहीं निकला। कर्मचारियों की ओर से कल आना कहकर टाल दिया गया जबकि समय दोपहर के 2 ही बजे थे।
यह केस तो सिर्फ बानगी भर है। शहर भर में आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों को सुबह से शाम हो जाती है लेकिन फिर भी उनका काम नहीं होता है। कभी डाकघर के चक्कर तो कभी बैंकों के चक्कर लगाकर लोग परेशान होते रहते है। रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग आधार कार्ड में त्रुटियों को ठीक कराने के लिए दिनभर धूप में खड़े रहते है और नंबर आने पर भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
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