धान की सीधी बुवाई पर लौटे किसान: पानी, समय और लागत बचने के साथ बढ़ेगी उपज और गुणवत्ता, कृषि विभाग ने दिया जोर
लखनऊ, अमृत विचार : कृषि विभाग ने धान की सीधी बुवाई करने पर जोर दिया तो किसान प्राचीन पद्धति पर लौटने लगे हैं। एक अभियान के तहत 25 हेक्टयर में धान की सीधी बुवाई करने का लक्ष्य विकास खंड वार रखा है। साथ ही किसानों को प्रेरित करने के लिए प्रति हेक्टेयर 8,200 रुपये का अनुदान मिल रहा है। यानी खाद व बीज एक तरह से निशुल्क मिलेंगे।
जिले में मौसम अनुकूल होते ही किसानों ने धान की रोपाई के साथ सीधी बुवाई भी शुरू कर दी है। अभियान में शामिल किसानाें ने अब तक 8,413 हेक्टेयर में धान की पौध न उगाकर सीधे खेतों पर गेहूं व अन्य फसलों की तर्ज पर बीजों से बुवाई की है। अन्य किसानों ने भी एक-दूसरे को देखकर प्राचीन पद्धति अपनाकर बुवाई की है।
इससे समय, पानी, श्रम व लागत आदि में बचत होगी। बारिश से खेत भरने का झंझट नहीं है। सिर्फ खेत तैयार करके सीधे बुवाई करनी है। बारिश के इंतजार में फसल लेट भी नहीं होगी। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो धान की गुणवत्ता के साथ उत्पादकता में वृद्धि होगी।
कुल 32,880 हेक्टेयर में धान का लक्ष्य
जिले में कृषि विभाग ने इस वर्ष कुल 32,880 हेक्टेयर में धान की फसल करने का लक्ष्य रखा है। इसमें सीधी बुवाई का 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल शामिल है। जबकि बुवाई इससे अधिक होने का अनुमान है। इस वर्ष प्रति हेक्टेयर 30 से 31 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादकता और पूरे जनपद का एक लाख क्विंटल से अधिक उत्पादन होने का अनुमान लगाया है।
इन ब्लॉकों को इतना लक्ष्य
मोहनलालगंज 5 हेक्टेयर, गोसाईगंज 5 हेक्टेयर, बीकेटी 5 हेक्टेयर, सरोजनी नगर 5 हेक्टेयर, काकोरी 2 हेक्टेयर, माल, मलिहाबाद व चिनहट में 1-1 हेक्टेयर
जिले में होने वाली धान की प्रजाति
सामान्य - शियाट्स धान-4, पीआर-126, नरेंद्र 2064-65
हाईब्रिड - मोती, शंकर-6444
धान की प्राचीन पद्धति सीधी बुवाई की तरफ किसानों का रुझान बढ़ा है। लक्ष्य से अधिक बुवाई होने का अनुमान है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए डीबीटी के माध्यम से खाद-बीज में 100 फीसदी अनुदान दे रहे हैं।- हर्षित त्रिपाठी, अपर जिला कृषि अधिकारी, लखनऊ।
ये भी पढ़े : Under 19 ODI में भारत की शानदार जीत: एक बार फिर चमके सूर्यवंशी, इंग्लैंड को हराकर किया ये कारनामा
