कितने बढ़ेंगे बिजली के दाम! 7 जुलाई को होगी प्रस्ताव पर पहली सुनवाई, कहा- निजीकरण का मसौदा पहले से किया जाए सार्वजनिक

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : प्रदेश में बिजली दर बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर 7 जुलाई को राज्य विद्युत नियामक आयोग में पहली सुनवाई होगी। सुनवाई में बिजली कंपनियों के अधिकारियों के साथ ही उपभोक्ता प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस बीच, उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने गुरुवार को आयोग में याचिका दायर कर ऊर्जा निगमों के निजीकरण पर आपत्तियां उठाईं। कहा कि सुनवाई से पहले निजीकरण का मसौदा सार्वजनिक किया जाए।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन दबाव बनाकर आयोग से निजीकरण पर अंतिम मुहर लगवाना चाह रहा है, जबकि मसौदा पूरी तरह असंवैधानिक है। ऐसे में आयोग अब निजीकरण का मसौदा खारिज करे। उन्होंने कहा कि यह मसौदा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 131 (2) के विपरीत है। उपभोक्ता परिषद की ओर से 7 जुलाई को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में आम जनता की सुनवाई होगी।

अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग के सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर निजीकरण से संबंधित अपनी आपत्तियां सौंपी और उसे बिजली दर सुनवाई का हिस्सा बनाने की मांग उठाई। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि मल्टी ईयर डिस्ट्रीब्यूशन टैरिफ रेगुलेशन 2025 की धारा 45 रिस्ट्रक्चरिंग ऑफ लाइसेंसी के तहत बिजली दर की सुनवाई में निजीकरण के मामले पर उपभोक्ता भी अपनी बात रखेंगे। उपभोक्ता परिषद नेे कहा कि निजीकरण के मसौदे में बिजली कंपनियों को कम लागत में बेचने के लिए विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 131(2) का भी खुला उल्लंघन किया गया।

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