प्रदेश में खाद की किल्लत नहीं, 27 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध
- कालाबाजारी पर कार्रवाई, 26 एफआईआर, 580 विक्रेताओं को नोटिस - बलरामपुर के कृषि अधिकारी निलंबित, जांच में दोषी पाए गए
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के कई जिलों से खाद की कालाबाजारी किए जाने की आ रही सूचनाओं के बीच राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष खरीफ सीजन के लिए अब तक 27 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध हो चुकी है। 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और आपूर्ति की जा रही है, जिससे कुल उपलब्धता 37 लाख मीट्रिक टन तक रहेगी। पिछले वर्ष खरीफ में 32.84 लाख मीट्रिक टन यूरिया की खपत हुई थी, इस बार उससे अधिक स्टॉक मौजूद है।
कृषि मंत्री एसपी शाही ने लोकभवन में शुक्रवार को पत्रकारवार्ता के दौरान बताया कि खाद वितरण में अनियमितता और कालाबाजारी की शिकायतों पर सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कड़ी कार्रवाई की है। अब तक 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 580 फुटकर विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। वहीं, बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र में शिकायतें मिलने पर जांच के बाद जिला कृषि अधिकारी बलरामपुर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एक अन्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कृषि मंत्री ने बताया कि जायद की फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है और किसानों को आवश्यकता अनुसार बीज और उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। खरीफ सीजन में किसानों को किसी भी प्रकार की खाद की कमी न हो, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि निजी कंपनियों के रैक पॉइंट से की जाने वाली यूरिया सप्लाई में से 25 प्रतिशत वितरण पीसीएफ द्वारा किया जाएगा, जिससे वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो सके।
इस महीने 10 लाख मीट्रिक टन और यूरिया देगा केंद्र
कृषि मंत्री ने बताया कि जुलाई माह में केंद्र सरकार की ओर से 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और भेजा जाएगा। जिससे सितंबर तक सभी आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी, एसएसपी सहित सभी प्रमुख उर्वरकों की भरपूर उपलब्धता है।
