शाहजहांपुर: हॉगकांग और सिंगापुर से जुड़े साइबर ठगी के तार...आरोपी की गिरफ्तारी से खुलासा
शाहजहांपुर, अमृत विचार। प्रगतिशील किसान से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी के तार हॉगकांग और सिंगापुर से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने ठगी से जुड़े सातवें आरोपी को भी गिरफ्तार किया है, जिसने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि ठग गिरोह के सदस्य हॉगकांग और सिंगापुर में भी बैठे हो सकते हैं। पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है।
शिकायतकर्ता शरदचंद्र से 6 मई से 15 मई के बीच डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर वीडियो कॉल के जरिए खुद को सीबीआई, ईडी का अधिकारी और न्यायाधीश बताकर धमकाया गया। आरोपी और उसके गिरोह ने पीड़ित को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी देकर उसे डिजिटल कस्टडी में रखा और बेल व केस निपटाने के नाम पर कुल 1,04,47,130 रुपये चार फर्जी खातों में ट्रांसफर करवा लिए। जांच में सामने आया कि यह राशि 40 से अधिक खातों में 9 लेयर में ट्रांसफर की गई और अंततः क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से विदेशी वॉलेट बिनेंस आदि में भेज दी गई। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह केवल 10वीं पास है और विभिन्न टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए इस हाई-टेक फ्रॉड में शामिल हुआ।
वह गूगल ट्रांसलेटर की मदद से हिंदी को अन्य भाषाओं में अनुवाद कर लेन-देन करता था। इन ग्रुप्स में मांगे गए अकाउंट्स मुहैया कराकर वह कमीशन के तौर पर क्रिप्टो में यूएसडीटी प्राप्त करता था। आरोपी के पास से आईफोन, स्मार्टफोन, एटीएम कार्ड, 2150 रुपये नकद, एक पेन कार्ड और चार सिम कार्ड मिले हैं। गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक सर्वेश कुमार शुक्ला, कांस्टेबल पुष्पेन्द्र कुमार, प्रभारी एसओजी और सर्विलांस टीम शामिल रही।
ऐसे करते हैं डिजिटल अरेस्ट
वीडियो कॉल पर खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर डराया जाता है
फर्जी दस्तावेज, पहचान पत्र और कोर्ट के आदेश दिखाए जाते हैं
पीड़ितों पर मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग ट्रैफिकिंग के आरोप लगाए जाते हैं
घर से बाहर न निकलने और डिजिटल रूप से गिरफ्तार किए जाने की धमकी दी जाती है
जमानत के नाम पर रकम ट्रांसफर कराई जाती है
ऐसे बचें साइबर ठगी से
शाहजहांपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि कोई भी कॉल, वीडियो कॉल या मैसेज जो सरकारी अधिकारी बनकर डराने या धन मांगने का प्रयास करे, उसकी तुरंत सूचना नजदीकी साइबर थाना या हेल्पलाइन नंबर पर दें। साइबर अपराधों से सतर्क रहें, जागरूक रहें।
फिनटेक फ्रॉड कैसे हुआ
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से हाई लिमिट के कॉर्पोरेट करेंट अकाउंट्स को चिन्हित किया गया। इन खातों में पीड़ित की रकम डलवाकर आगे कई अन्य खातों में भेजी गई। फिशिंग, फर्जी यूपीआई, क्यूआर कोड, कॉल फ्रॉड और लोन ऐप्स के जरिए भी लोगों से डाटा और धन ठगा गया।
