छांगुर बाबा को तीन वर्ष में मिला 500 करोड़ का विदेशी फंड: नेपाल के रास्ते 300 करोड़, बाकि यहाँ खर्च हुई रकम
लखनऊ, अमृत विचार: एटीएस ने शुक्रवार को छांगुर बाबा को लेकर बलरामपुर उसके गांव गई। वहां करीब 40 मिनट की पूछताछ की गई। इस दौरान हुए पूछताछ में जो सामने आया एटीएस के होश उड़ गये। एटीएस के मुताबिक छांगुर बाबा को पिछले तीन वर्ष के अंदर 500 करोड़ रुपये का विदेशी फंड मिला। जांच में सामने आया कि दो सौ करोड़ रुपये लीगल तरीके से छांगुर, उसके बेटे, नसरीन और अन्य करीबियों के खाते में जमा किये गये। वहीं हवाला कारोबारियों के माध्यम से मुस्लिम देशों से नेपाल के रास्ते 300 करोड़ रुपये पहुंचा गया। इन सभी रकम को भारत में धर्मांतरण करवाने के इरादे भेजा गया।
एटीएस की जांच में सामने आया है कि नेपाल के काठमांडू, नवलपरासी, रूपनदेही और बांके जैसे सीमावर्ती जिलों में 100 से अधिक बैंक खाते खोले गए। जिनमें विदेशी फंड जमा किए गए। ये फंड पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब और तुर्की जैसे मुस्लिम बहुल देशों से आए थे। इन खातों से पैसा नेपाल में स्थानीय एजेंटों के माध्यम से भारत पहुंचाया गया। एजेंट इसके एवज में 4-5% कमीशन लेते थे। कई बार इन रुपयों को कैश डिपॉजिट मशीन के जरिए जमा किए गए। ताकि जमा करने वाले का पता न चल सके।
नेपाल के रास्ते आया फंड
नेपाल से भारत आने के बाद फंड को बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर जैसे जिलों में स्थानीय मनी एक्सचेंजर्स के माध्यम से भारतीय रुपये में बदला गया। बिहार के मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्णिया, किशनगंज, चंपारण और सुपौल जिलों के एजेंट भी इस अवैध फंडिंग नेटवर्क में शामिल पाए गए हैं। एटीएस के अनुसार, सबसे अधिक विदेशी फंडिंग अयोध्या जिले में पहुंची, जहां कथित तौर पर हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया। छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों से जुड़े 40 बैंक खातों की जांच शुरू हो चुकी है।
स्विस बैंक में खाते की मिली जानकारी
एटीएस को जांच में पता चला है कि नीतू उर्फ नसरीन का एक बैंक खाता स्विस बैंक में भी है। बताया जाता है कि बलरामपुर में छांगुर की कोठी ढहाते समय एक बक्सा मिला था जिसमें दस्तावेज मिले थे। इनमें ही स्विस बैंक के खाते की जानकारी से जुड़े कुछ कागजात थे। रिमाण्ड पर छांगुर व नीतू से इस बारे में एटीएस ने सवाल पूछे। दोनों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वह यही बताते रहे कि अहमद नाम के एक सहयोगी ने उसके खाते विदेश में खुलवाए थे।
ईडी ने मांगा 10 वर्ष का आयकर रिटर्न
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद अपनी जांच तेज कर दी है। ईडी ने छांगुर की सभी 40 संस्थाओं का बीते 10 साल का आयकर रिटर्न विभाग से मांगा है। ईडी को आशंका है कि 100 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति का लेन-देन इन खातों से निकल सकता है। सभी बैंकों को पत्र भेजकर ब्योरा देने को कहा गया है। जल्द छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन को कस्टडी रिमांड पर लेगी। ईडी के अधिकारी के मुताबिक संबंधित विभाग के एसआरओ से छांगुर की अचल संपत्तियों का ब्योरा मांगा गया है। विभाग को छांगुर, नीतू उर्फ नसरीन समेत गिरोह छह बड़े सदस्यों की संपत्ति का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। ईडी ने एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश से सम्पर्क पर एफआईआर कॉपी व अब तक की प्रगति देने को कहा था। पुलिस ने ईडी को एफआईआर व अन्य जानकारी उपलब्ध करा दी है।
बना रखी थी निजी सेना
एटीएस की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में 50 युवकों का जिक्र किया गया है। छांगुर बाबा ने करीब 50 युवकों की एक विशेष फोर्स तैयार कर रखी थी, जो उसके इशारे पर काम करते थे। ये युवक न सिर्फ धर्मांतरण की गतिविधियों में लगे थे, बल्कि स्थानीय स्तर पर भय, दबाव और हिंसा फैलाने में भी बाबा के हथियार बने हुए थे। ये सभी युवक बाबा की बलरामपुर स्थित आलीशान कोठी में ही रहते थे। उनके लिए अलग-अलग कमरे, खाना-पीना, कपड़े से लेकर हर जरूरत की चीजें छांगुर बाबा द्वारा मुहैया कराई जाती थीं। कोठी में ही इनका ब्रेनवॉश होता था और उन्हें बाबा का आदेश अंतिम फरमान माना जाता था।
40 से अधिक धर्मांतरण के शिकार चिह्नित
एटीएस ने जब इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया तो 40 से अधिक धर्मांतरित लोगों की पहचान की गई है। छापेमारी के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, विदेशी लेनदेन के दस्तावेज और आपत्तिजनक सामग्री की भी बरामदगी की गई है। उधर जांच के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए छांगुर बाबा के बलरामपुर स्थित आलीशान आश्रम को बुलडोजर से गिरा दिया है। बताया जा रहा है कि यहां युवाओं को गुप्त रूप से प्रशिक्षित कर मिशन धर्मांतरण में शामिल किया जाता था।
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